Jamshedpur Rural Accident: बालू लदे हाइवा की चपेट में आकर एक की मौत, ग्रामीणों ने किया सड़क जाम!
चाकुलिया में बालू लदे हाइवा की चपेट में आकर एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों ने सड़क जाम कर मुआवजा और पुलिस पर कार्रवाई की मांग की!
Jamshedpur Rural Accident: जमशेदपुर जिले के चाकुलिया थाना क्षेत्र में एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जहां बालू से लदा हाइवा सड़क किनारे खड़े एक व्यक्ति को रौंदते हुए चला गया। गुरुवार रात को यह घटना श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के पिताजुड़ी में घटी, जब लखीकांत सिंह (42) नामक व्यक्ति सड़क से सटे अपने घर के पास खड़ा था। इस दुर्घटना में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा न केवल इलाके के लोगों के लिए एक शॉकिंग घटना बनी, बल्कि स्थानीय समुदाय में गुस्से की लहर भी दौड़ गई।
घटना का विवरण: बताया जा रहा है कि बालू से लदे एक अज्ञात हाइवा वाहन पिताजुड़ी गांव की ओर जा रहा था, जब उसने लखीकांत सिंह को रौंद दिया। हादसे के बाद, पुलिस ने मृतक के शव को घटनास्थल से उठाया और बिना किसी परिवार के सदस्य को सूचना दिए शव को ले जाने का प्रयास किया। मृतक के परिवार और ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसने घटना के बाद सड़क पर गिरे खून को पानी से धोने का प्रयास किया, जो कि इस पूरे घटनाक्रम को और भी संदिग्ध बना देता है।
ग्रामीणों का आक्रोश और सड़क जाम: घटना के बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। शुक्रवार सुबह, स्थानीय लोगों ने मुआवजा की मांग करते हुए, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने बालू से लदे हाइवा को पकड़े जाने की भी अपील की। ग्रामीणों के इस विरोध के कारण चाकुलिया के अंचल अधिकारी, पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार गुप्ता और अनिल नायक घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन घटना की संवेदनशीलता के कारण स्थिति और बिगड़ गई, और ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर दिया।
मुआवजा और अवैध बालू परिवहन पर सवाल: मृतक के भाई, रवि सिंह ने आरोप लगाया कि हादसे के समय हाइवा अवैध रूप से बालू का परिवहन कर रहा था, जो चंदनपुर से आया था। उन्होंने श्यामसुंदरपुर पुलिस पर अवैध बालू खनन और परिवहन में मिलीभगत का आरोप लगाया। यह आरोप और भी गंभीर बन गए हैं क्योंकि कई ग्रामीण भी इस बात को मानते हैं कि स्थानीय पुलिस अवैध गतिविधियों को अंजाम देने में मदद कर रही थी।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल: रवि सिंह के अनुसार, पुलिस ने न केवल उन्हें धमकाया, बल्कि शव को कहीं ले जाकर उसे परिवार के सामने लाने से भी इनकार किया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन घटना के सही तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। घटना को लेकर स्थानीय लोग पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
समाज और न्याय की लड़ाई: यह दुर्घटना न केवल सड़क सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है, बल्कि अवैध खनन और परिवहन की समस्या को भी गंभीर रूप से उठाती है। अब तक, घटना के बाद सड़क जाम की स्थिति बनी हुई है और यह सवाल उठता है कि प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करेगा या नहीं। मृतक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं।
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