Jamshedpur Controversy: सैनिक की पिटाई और गिरफ्तारी पर बवाल! रक्षा मंत्रालय और सेना की सख्ती से हिली झारखंड पुलिस
जमशेदपुर के जुगसलाई थाना में सैनिक की पिटाई और जेल भेजे जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। रक्षा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए, सेना के अधिकारियों ने जताई आपत्ति।

झारखंड के जमशेदपुर में एक सेना के जवान की पिटाई और फिर जेल भेजे जाने का मामला अब राजनीतिक और सैन्य स्तर पर तूल पकड़ चुका है। इस घटना ने न सिर्फ झारखंड पुलिस बल्कि केंद्र सरकार और सेना के अधिकारियों को भी चौकन्ना कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस पर एक सैनिक को बेरहमी से पीटने और फिर उसे जेल भेजने का आरोप लगा है।
- सैनिक को किस कारण रोका गया और फिर उसके साथ मारपीट क्यों की गई?
- क्या पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया?
- अब जब मामला तूल पकड़ चुका है, तो प्रशासन और सरकार क्या कदम उठाने वाली है?
सेना का सख्त रुख, जांच के लिए पहुंचे सैन्य अधिकारी
इस घटना के बाद सेना ने कड़ा रुख अपनाया और रांची से सैन्य अधिकारियों की एक टीम जमशेदपुर पहुंची।
- सेना के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से मुलाकात की और पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई।
- डीसी ऑफिस में सेना के अधिकारियों ने थाने में हुई पिटाई और गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया।
- उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
झारखंड पुलिस पर बढ़ा दबाव, डीआईजी खुद पहुंचे जांच करने
अब जब मामला राजनीतिक और सैन्य स्तर तक पहुंच चुका है, तो झारखंड पुलिस भी बैकफुट पर दिख रही है।
- डीआईजी कोल्हान मनोज चोथे खुद इस मामले की जांच के लिए जुगसलाई थाना पहुंचे।
- एसएसपी किशोर कौशल और सिटी एसपी शिवाशीष की मौजूदगी में घटना की जांच शुरू हुई।
- इस जांच में थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की बारीकी से समीक्षा की जा रही है।
पूर्व सैनिकों में रोष, आंदोलन की चेतावनी
इस घटना के बाद झारखंड में पूर्व सैनिकों का गुस्सा उबाल पर है।
- कई पूर्व सैनिक संगठनों ने इस घटना के विरोध में सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।
- उनका कहना है कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे राज्य में आंदोलन छेड़ा जाएगा।
- सैनिकों का यह भी आरोप है कि झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारियों का रवैया सेना के प्रति हमेशा से गलत रहा है।
क्या पुलिस की मनमानी का यह पहला मामला है?
झारखंड पुलिस के खिलाफ इस तरह के आरोप पहले भी लग चुके हैं।
- 2022 में भी एक सैनिक के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस को पीछे हटना पड़ा था।
- कई बार देखा गया है कि पुलिस द्वारा सैन्य कर्मियों के साथ गलत व्यवहार के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
- इस बार मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया है, जिससे झारखंड पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
क्या कहता है कानून?
भारत में सैनिकों को एक विशेष सम्मान और अधिकार प्राप्त होते हैं।
- अगर कोई सैनिक ड्यूटी पर हो या वर्दी में हो, तो पुलिस बिना सैन्य अधिकारियों की अनुमति के उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
- अगर किसी पुलिसकर्मी ने अनुचित तरीके से सैनिक के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार किया है, तो उस पर सेना अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
- सेना अपने जवानों के सम्मान को लेकर बेहद सख्त रहती है, और यह मामला झारखंड पुलिस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
अब आगे क्या?
अब जब मामला रक्षा मंत्रालय और सेना के उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है, तो इस पर जल्द कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
- क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी?
- या फिर प्रशासन इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करेगा?
- झारखंड सरकार इस पर क्या रुख अपनाएगी?
आने वाले कुछ दिनों में इस मामले पर बड़ा फैसला हो सकता है। अगर सेना और रक्षा मंत्रालय का दबाव बना रहा, तो झारखंड पुलिस को जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी ही पड़ेगी।
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