Giridih Missing Case : रहस्यमय ढंग से लापता बच्ची का खेत में मिला शव, गांव में हड़कंप!

झारखंड के गिरिडीह जिले में रहस्यमय तरीके से लापता हुई बच्ची का शव खेत में मिलने से सनसनी। ग्रामीणों ने गावां-पटना रोड किया जाम, जानिए पूरा मामला।

Jan 30, 2025 - 13:47
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Giridih Missing Case : रहस्यमय ढंग से लापता बच्ची का खेत में मिला शव, गांव में हड़कंप!
Giridih Missing Case : रहस्यमय ढंग से लापता बच्ची का खेत में मिला शव, गांव में हड़कंप!

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। गावां थाना क्षेत्र के घाघरा गांव में बुधवार को रहस्यमय ढंग से लापता हुई चार वर्षीय बच्ची सायरा उर्फ खुशी का शव गुरुवार सुबह अरहर के खेत में बाउंड्री वॉल के पास मिला। इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया, और उन्होंने गावां-पटना रोड को जाम कर दिया।

कैसे हुआ मामला सामने?

घाघरा गांव निवासी साजिद अख्तर की बेटी सायरा बुधवार को खेलते हुए अचानक लापता हो गई। परिजनों ने पूरे इलाके में उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। गुरुवार की सुबह ग्रामीणों को बाउंड्री वॉल के पास खेत में उसका शव दिखाई दिया, जिसे घास-फूस से ढका गया था।

घटना की जानकारी मिलते ही गावां थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। हालांकि, स्थानीय लोग उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की अनुमति देने से इनकार कर रहे हैं।

गांव में क्यों बढ़ा आक्रोश?

बच्ची के लापता होने और फिर खेत में शव मिलने की घटना से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। लोगों ने गावां-पटना रोड को जाम कर दिया और प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। पुलिस प्रशासन लगातार ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहा है ताकि मामला शांत हो सके और जांच आगे बढ़े।

इतिहास के पन्नों से – झारखंड में बच्चों की सुरक्षा और सामाजिक पहल

झारखंड में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार कई प्रयास कर रही है। अतीत में भी कई मामलों में पुलिस और प्रशासन ने तत्परता से काम किया है, जिससे ऐसे मामलों पर तेजी से कार्रवाई हो सके। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा जागरूकता और निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत महसूस की जा रही है।

प्रशासन की अगली रणनीति क्या होगी?

  1. सघन जांच अभियान: पुलिस पूरे इलाके में गहन जांच कर रही है।
  2. सीसीटीवी निगरानी: गांवों और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई जा रही है।
  3. सुरक्षा जागरूकता: स्थानीय प्रशासन द्वारा बच्चों की सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
  4. सामुदायिक भागीदारी: ग्रामीणों से सहयोग लेकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

घाघरा गांव में हुई इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर ग्रामीणों की नाराजगी साफ झलक रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या उपाय करता है।

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