ग़ज़ल - 1 - शफ़ीक़ रायपुरी, बस्तर , छत्तीसगढ़

 न जाने कौन आया था मिरे वीरान कमरे में  सलीके से धरा है हर जगह सामान कमरे में...........

Aug 13, 2024 - 14:21
Aug 13, 2024 - 15:03
 0
ग़ज़ल - 1 - शफ़ीक़ रायपुरी, बस्तर , छत्तीसगढ़
ग़ज़ल - 1 - शफ़ीक़ रायपुरी ,बस्तर , छत्तीसगढ़

ग़ज़ल

 न जाने कौन आया था मिरे वीरान कमरे में 
सलीके से धरा है हर जगह सामान कमरे में

पढ़ा जायेगा  किस  से  "मीर"  का दीवान ऐसे में 
हमारी आँख भर आई  है  फिर  वीरान कमरे में

जिधर देखो ग़रीबी , भूख, बेकारी के मंज़र हैं 
सिमट कर आगया है सारा हिन्दुस्तान कमरे में

अगर हैं भी तो सब बेकार हैं बस यूं समझ लीजे 
न खिड़की है  न दरवाज़ा न रौशन दान कमरे में

'शफ़ीक़' उनको भी कुछ दिन कुल्ब-ए-दहकां में ठहराओ 
रहा करते हैं महलों के जो आलीशान कमरे में


शफ़ीक़ रायपुरी
बस्तर , छत्तीसगढ़

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।