East Singhbhum Mining Crackdown: जिले में अवैध खनन पर कसा शिकंजा, 317.6 टन खनिज जब्त
पूर्वी सिंहभूम जिले में अवैध खनन रोकथाम के लिए जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक आयोजित। 30 जुलाई से 12 अगस्त तक 317.6 टन खनिज जब्त, 12 वाहन सीज, 8 प्राथमिकी दर्ज, 7 लाख से अधिक की वसूली।

पूर्वी सिंहभूम जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर नकेल कसने के लिए जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक बुधवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित हुई। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर भगीरथ प्रसाद, डीटीओ धनंजय, एसडीएम घाटशिला सुनील चंद्र, एसडीएम धालभूम चंद्रजीत सिंह, एसडीपीओ घाटशिला अजीत कुजूर, डीएमओ सतीश नायक समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी भी बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े। बैठक में जिले के विभिन्न इलाकों में चलाए जा रहे खनन-विरोधी अभियानों की विस्तृत समीक्षा की गई।
स्वर्णरेखा और खरकई नदी पर विशेष फोकस
बैठक में विशेष रूप से स्वर्णरेखा और खरकई नदियों से हो रहे बालू के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए की गई कार्रवाइयों की समीक्षा हुई। इसके अलावा वन क्षेत्रों में अवैध खनन, बिना पंजीकरण संख्या वाले वाहनों की धरपकड़, अतिभारित वाहनों की जांच और दोषी वाहन मालिकों पर की गई कार्रवाई पर भी चर्चा की गई।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और न्यायालय के आदेशों के तहत अब तक की गई कार्रवाई और पर्यावरण मुआवजा वसूली की प्रगति की जानकारी भी दी।
दो सप्ताह में 317.6 टन खनिज जब्त
बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 30 जुलाई 2025 से 12 अगस्त 2025 तक जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स ने 24 निरीक्षण किए। इस दौरान कुल 317.6 टन खनिज (275.6 टन बालू और 42 टन पत्थर) जब्त किए गए।
इसके साथ ही 12 वाहन सीज किए गए और 8 प्राथमिकी दर्ज हुईं। अभियान के दौरान कुल 7 लाख 08 हजार रुपये की वसूली भी की गई।
उप विकास आयुक्त का सख्त संदेश
उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण रोकथाम के अभियान को निरंतर और सघन रूप से जारी रखा जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा—
“दोषी व्यक्तियों, संचालकों और वाहन मालिकों के खिलाफ नियमों के अनुरूप कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
विभागों को आपसी तालमेल का निर्देश
बैठक में खनन, पुलिस, वन, परिवहन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को निर्देश दिया गया कि वे आपसी तालमेल और त्वरित सूचना आदान-प्रदान के साथ अभियान चलाएं। इससे न केवल खनिज संपदा की सुरक्षा होगी, बल्कि राजस्व वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
जनहित और राज्यहित में कानून का पालन अनिवार्य
उप विकास आयुक्त ने कहा कि खनन गतिविधियों को पूरी तरह कानून के दायरे में संचालित करना सामूहिक जिम्मेदारी है। जनहित और राज्यहित में प्रशासन हर स्तर पर सख्त रुख अपनाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि नियमित मॉनिटरिंग, रिव्यू मीटिंग और फील्ड विजिट के जरिए अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
पृष्ठभूमि और चुनौतियां
पूर्वी सिंहभूम जिला खनिज संपदा से भरपूर है, लेकिन अवैध खनन से न केवल राजस्व की हानि होती है बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ता है। नदियों का कटाव, भूजल स्तर में गिरावट और जैव विविधता पर खतरा—ये सब अवैध खनन के दुष्प्रभाव हैं।
प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में कई बार बड़े पैमाने पर बालू और पत्थर माफिया के खिलाफ अभियान चलाए हैं, जिससे इस समस्या पर आंशिक नियंत्रण मिला है।
जिले में खनिज संपदा की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने एक बार फिर सख्त तेवर अपनाए हैं। हालिया कार्रवाई में खनन माफिया पर सीधे वार किया गया है, और स्पष्ट संकेत दिया गया है कि अवैध खनन करने वालों के लिए अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
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