दोमुहानी संगम घाट का भव्य उद्घाटन: मंत्री बन्ना गुप्ता बोले, स्वर्णरेखा घाट बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल!

जमशेदपुर में दोमुहानी संगम घाट का उद्घाटन मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया। 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भव्य स्वर्णरेखा आरती देखी। जानें कैसे यह स्थल विश्वस्तरीय पर्यटक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

Oct 6, 2024 - 23:05
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दोमुहानी संगम घाट का भव्य उद्घाटन: मंत्री बन्ना गुप्ता बोले, स्वर्णरेखा घाट बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल!
दोमुहानी संगम घाट का भव्य उद्घाटन: मंत्री बन्ना गुप्ता बोले, स्वर्णरेखा घाट बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल!

जमशेदपुर: जमशेदपुर के दोमुहानी संगम घाट का बहुप्रतीक्षित उद्घाटन रविवार को स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा किया गया। यह उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक था जिसे विधिवत रूप से जनता को समर्पित किया गया। इस उद्घाटन समारोह में मंत्री बन्ना गुप्ता की धर्मपत्नी श्रीमती सुधा गुप्ता, झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, और रमा खलको सहित कई अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। इस मौके पर 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भी उपस्थित थे जिन्होंने स्वर्णरेखा घाट पर भव्य आरती का आनंद लिया।

स्वर्णरेखा घाट पर अस्सीघाट के 11 पंडितों ने की भव्य आरती

काशी के अस्सीघाट से आए पंडित आचार्य मोहित और उनकी टीम ने विधिपूर्वक भूमि पूजन किया और भव्य स्वर्णरेखा आरती संपन्न कराई। आरती के समय घाट पर भक्तिमय वातावरण बना हुआ था, जिसमें श्रद्धालुओं ने भगवान का आशीर्वाद लिया। आरती के दौरान स्थानीय गायक अभिषेक पाठक और निधि मिश्रा के भजनों ने भी श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो दिया। स्वर्णरेखा आरती की यह अनोखी परंपरा अब जमशेदपुर के इस घाट को काशी के घाटों की तर्ज पर एक नई पहचान दिलाने की दिशा में ले जा रही है।

सामाजिक समरसता का प्रतीक बना दोमुहानी गेट

दोमुहानी संगम गेट को सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनाकर स्थापित किया गया है। इस गेट पर एक तरफ भगवान शिव की भव्य प्रतिमा है, वहीं दूसरी ओर प्राचीन टुसु घाट का नाम झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा, भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा भी इस स्थान पर देखने को मिलती है, जो हमारी पुरानी धरोहर और आस्था को दर्शाती है।

इस गेट पर शहीद निर्मल महतो, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जन नायक कर्पूरी ठाकुर, और संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। ये सभी प्रतिमाएं झारखंड और भारत के बलिदान और संघर्ष की गौरवशाली गाथा को जीवंत करती हैं। इन प्रतिमाओं के माध्यम से मंत्री बन्ना गुप्ता ने समाज में सभी वर्गों और समुदायों को एकजुट करने का संदेश दिया है।

बन्ना गुप्ता ने जनता से मांगा समर्थन

इस अवसर पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने जनता से समर्थन और आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि यह संगम स्थल अब सिर्फ जमशेदपुर का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड का गर्व बनेगा। उन्होंने कहा, "यह दोमुहानी संगम घाट हमारी संस्कृति, सामाजिक एकता और विकास का प्रतीक बनेगा। अभी इसमें और भी बहुत सारे बदलाव लाने की योजना है। हमें आपकी मदद चाहिए, क्योंकि इस संगम स्थल को एक विश्वस्तरीय पर्यटक केंद्र बनाना हमारा सपना है।"

मंत्री बन्ना गुप्ता ने जनता को आगामी छठ पर्व का निमंत्रण देते हुए कहा कि यह स्थल इस साल छठ पूजा के लिए खास तैयारी कर रहा है, जिसमें सभी लोग शामिल होकर इस पर्व की पवित्रता को और भी बढ़ा सकते हैं।

स्वर्णरेखा घाट: पर्यटकों के लिए नई उम्मीद

स्वर्णरेखा घाट का उद्घाटन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी यह जमशेदपुर को एक नई पहचान दिला सकता है। मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि घाट को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। घाट पर आधुनिक सुविधाएं, बेहतर पहुंच, और सुरक्षा के उपायों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक बिना किसी परेशानी के इस स्थान का आनंद ले सकें।

इसके अलावा, बन्ना गुप्ता ने बताया कि दोमुहानी संगम घाट के विकास की योजना में यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक सुविधाएं शामिल की जाएंगी। स्वच्छता, पार्किंग सुविधा, शुद्ध पेयजल, और सार्वजनिक शौचालय जैसी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। घाट के चारों ओर सुंदर उद्यान और बैठने के स्थान बनाए जाएंगे ताकि लोग यहां आकर शांतिपूर्वक समय बिता सकें।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा

दोमुहानी संगम घाट पर बन रहे नए पर्यटन केंद्र का उद्देश्य केवल धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से नहीं, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देना है। इस स्थल का उद्घाटन इस बात का प्रतीक है कि जमशेदपुर में न केवल आर्थिक विकास हो रहा है, बल्कि यहां के लोग अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी संजो रहे हैं। इस गेट पर स्थापित प्रतिमाएं सामाजिक न्याय, बलिदान, और संघर्ष की कहानियों को उजागर करती हैं, जो हर नागरिक के मन में गर्व और प्रेरणा का भाव उत्पन्न करती हैं।

भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

दोमुहानी संगम घाट का उद्घाटन केवल एक नया स्थल नहीं, बल्कि जमशेदपुर और झारखंड के लोगों के लिए गर्व का नया प्रतीक है। मंत्री बन्ना गुप्ता के नेतृत्व में इस स्थान को एक विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। जनता की भागीदारी और सहयोग से यह स्थल एक नए जमाने की दिशा में बढ़ रहा है, जहां सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास का संगम देखने को मिलेगा।

बन्ना गुप्ता ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी का समर्थन और आशीर्वाद इस स्थान को एक ऐसी पहचान दिलाएगा जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। आइए हम सभी मिलकर इस सपने को साकार करें।"

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।