Rajganj Fraud: राजगंज के मनोज कुमार साइबर ठगी का शिकार हुए, कपड़े के नाम पर ₹1.52 लाख की धोखाधड़ी हुई
धनबाद के राजगंज के व्यवसायी मनोज कुमार साइबर ठगी का शिकार हो गए। राजस्थान के बिपुल जैन ने 5% डिस्काउंट का लालच देकर उनसे ₹1,52,019 रुपये की ठगी की। नाइटी के कपड़े के नाम पर अग्रिम भुगतान लेने के बाद भी माल नहीं भेजा गया। ठगी के इस हाई-प्रोफाइल मामले में साइबर थाना, कतरास इंस्पेक्टर और राजगंज थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है। जानिए इस ऑनलाइन फ्रॉड की पूरी कहानी।
धनबाद, 10 नवंबर 2025 – झारखंड में साइबर अपराधियों का जाल अब सिर्फ आम लोगों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह व्यवसायों को भी अपना शिकार बना रहा है। धनबाद के राजगंज के एक कपड़ा व्यवसायी मनोज कुमार लालच के चक्कर में आकर साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। उन्हें सिर्फ पाँच परसेंट लाभ कमाने का इरादा था, लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें ₹1,52,019 रुपये का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। साइबर अपराधियों ने कितनी चालाकी से एक पेशेवर डील की आड़ में इस ठगी को अंजाम दिया, और यह जानलेवा '5% डिस्काउंट' का लालच व्यवसायी को कहां से फंसाने का जरिया बन गया?
फर्जी डील: बिपुल जैन ने कैसे फंसाया
भुक्तभोगी मनोज कुमार सांवरिया टेक्सटाइल के नाम से अपना कारोबार चलाते हैं। उनके पास राजस्थान के बालोत्रा के किसी बिपुल जैन नामक व्यक्ति का मैसेज आया।
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ऑफर: बिपुल जैन ने नाइटी के कपड़े का सैंपल भेजा और पांच परसेंट डिस्काउंट का लालच दिया, लेकिन शर्त यह थी कि व्यवसायी को एडवांस पेमेंट करना होगा।
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आदेश: इस डिस्काउंट के लालच में आकर मनोज कुमार ने 29 सितंबर को पांच गांठ (1500 पीस) नाइटी का बड़ा ऑर्डर दिया। बिपुल ने इसका बिल ₹1,60,020 रुपये बताया।
एडवांस भुगतान: तीन बार में पैसे कैसे निकले
डिस्काउंट के झांसे में आकर मनोज कुमार ने जल्दबाजी में साइबर अपराधी द्वारा भेजे गए अलग-अलग माध्यमों से पैसे भेज दिए।
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पहली किश्त: 5 अक्तूबर को मनोज कुमार ने बिपुल द्वारा भेजे गए स्कैनर पर ₹43,500 रुपये का अग्रिम भुगतान किया।
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दूसरी किश्त: 7 अक्तूबर को उन्होंने पुनः अपने बैंक खाते से एक लाख रुपये एनईएफटी (NEFT) के माध्यम से भेजे।
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तीसरी किश्त: माल भेजने में टाल-मटोल होने पर बिपुल ने बकाए रकम की मांग की, जिस पर मनोज ने 8 अक्तूबर को फिर फोन पे से ₹8,419 रुपये भेजे।
इस तरह, कुल ₹1,52,019 रुपये का भुगतान किया गया।
ठगी का खुलासा: माल गायब, फोन बंद
पैसा मिलते ही बिपुल जैन का असली इरादा सामने आ गया।
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टाल-मटोल: कई दिनों तक माल नहीं आया और संपर्क करने पर बिपुल ने टाल-मटोल करना शुरू कर दिया।
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फोन बंद: जब मनोज कुमार ने शेष राशि भेजने के बावजूद माल नहीं आने पर संपर्क किया, तो बिपुल जैन ने कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।
इस संबंध में मनोज कुमार ने धनबाद साइबर थाना, कतरास इंस्पेक्टर व राजगंज थाना में शिकायत दर्ज कराई है। राजगंज थानेदार अलिशा कुमारी ने बताया है कि मामला साइबर अपराध से जुड़ा है, इसलिए जांच की जा रही है और उसके बाद केस दर्ज किया जाएगा। यह घटना अन्य छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए एक चेतावनी है कि ऑनलाइन व्यापार में 'डिस्काउंट' के लालच में आकर जल्दबाजी में भुगतान करना कितना महंगा पड़ सकता है।
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