Dhanbad Fire Incidents: दो अलग-अलग जगहों पर आग से लाखों का नुकसान, ग्रामीणों में गुस्सा
पूर्वी टुंडी और रियालकुल्ही में आग से लाखों रुपये का नुकसान, जानिए कैसे हुई घटनाएं और स्थानीय लोगों का आक्रोश।
Dhanbad Fire Incidents: शनिवार को दहनबाद के पूर्वी टुंडी और रियालकुल्ही क्षेत्र में दो अलग-अलग स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं, जिनमें लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गई। ये घटनाएं न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बनीं, बल्कि प्रशासन और गांववासियों के बीच गंभीर सवाल उठाने का कारण भी बनीं।
पहली घटना: मोहलीडीह मोड़ पर आग का कहर
पूर्वी टुंडी प्रखंड के मोहलीडीह मोड़ स्थित फुरकान अंसारी के खपरैल घर में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। इस आग में घर का सारा सामान जलकर राख हो गया। आग लगने के बाद गांव के आसपास के लोगों ने अपनी मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक हजारों रुपये का नुकसान हो चुका था। आग की सूचना मिलने पर पूर्वी टुंडी पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन घर के अधिकांश सामान जल चुका था।
दूसरी घटना: रियालकुल्ही में आग से खेतों का नुकसान
दूसरी घटना मैरानवाटांड़ पंचायत के रियालकुल्ही गांव में घटी, जहां उबी सोरेन के खलिहान में रखे पचास मन धान में आग लग गई। इस आग ने खलिहान में रखा सारा धान जलाकर राख कर दिया, जिससे लगभग हजारों रुपये का नुकसान हुआ। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने छोटे पंप, बाल्टी और मग से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक खेतों में रखी सारी फसल जल चुकी थी। यह घटना किसानों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थी, क्योंकि उनका बड़ा हिस्सा नुकसान में चला गया।
शिव मंदिर और देवी स्थान पर भी हुई घटनाएं
इतना ही नहीं, इस दिन निरसा थाना क्षेत्र में कुछ और घटनाएं हुईं, जिनसे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। ओंकारनाथ शिव मंदिर में शिवलिंग के तांबे के नाग को चोरी कर लिया गया। साथ ही, हरियाजाम स्थित महामाया देवी मंदिर में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी। मंदिर के आसपास के लोगों ने बताया कि शनिवार सुबह मंदिर में पूजा हुई थी, लेकिन शाम को जब आरती की गई, तो शिवलिंग का तांबा का नाग गायब था। दूसरी ओर, महामाया देवी मंदिर में आग लगाने के बाद स्थानीय लोगों ने कड़ी मेहनत से आग बुझाई, लेकिन यह घटना धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाली थी।
स्थानीय लोगों का गुस्सा और प्रशासन से उम्मीद
इन घटनाओं के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भारी गुस्सा फैल गया है। हालांकि, किसी भी घटना पर निरसा थाना में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन पूर्व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने दोनों घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन से अविलंब जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसने प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, खासकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर।
क्या है इस क्षेत्र का इतिहास?
पूर्वी टुंडी और रियालकुल्ही जैसे इलाकों में आग लगने की घटनाएं अब नई नहीं हैं। बीते कुछ वर्षों में कई बार यहां ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जिनमें ग्रामीणों की सहायता से आग बुझाने की कोशिश की जाती है, लेकिन इस बार का नुकसान काफी बड़ा था। इन घटनाओं ने यह साबित किया है कि इन इलाकों में सुरक्षा की बेहद कमी है और प्रशासन को इस ओर जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है।
इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय लोगों को दुख पहुंचाया, बल्कि प्रशासन और सुरक्षा की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इन घटनाओं पर किस तरह की कार्रवाई करता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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