Dhanbad: मतदान कर्मी की अचानक मौत ने मचाई खलबली, ईवीएम सेंटर में हुआ दिल का दौरा!
झारखंड के धनबाद जिले के निरसा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी के दौरान एक मतदान कर्मी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। क्या थी घटना की वजह और किस तरह से मदद के बाद भी नहीं बच पाया कर्मी?
19 नवम्बर 2024: झारखंड के धनबाद जिले के निरसा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी पर तैनात एक मतदान कर्मी की मंगलवार को दर्दनाक मौत हो गई। ईवीएम कलेक्शन के दौरान कर्मी की अचानक तबीयत बिगड़ गई, और उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब कर्मी कार्तिक घोष (56 वर्ष) निरसा पॉलिटेक्निक स्थित ईवीएम सेंटर में काम कर रहे थे।
कैसे हुई घटना?
मंगलवार को जब कार्तिक घोष पॉलिटेक्निक स्थित डिस्पैच सेंटर में ईवीएम कलेक्ट करने के लिए पहुंचे, तभी उन्हें अचानक बेचैनी महसूस हुई। स्थिति बिगड़ने पर वह बेहोश होकर गिर पड़े। आसपास मौजूद कर्मियों और चिकित्सा दल ने तत्परता से उनका प्राथमिक उपचार किया, और जल्द ही 108 एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें धनबाद के एसएनएमएमसीएच (सिंह नायक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) भेजा गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
क्या था कारण?
घटना के बाद पता चला कि कार्तिक घोष पहले से ही हार्ट की बीमारी से ग्रस्त थे। उन्होंने मतदान सामग्री और कागजात तैयार करने का कार्य किया था, जब अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा। चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, उनके दिल की स्थिति पहले से ही कमजोर थी, जिससे उन्हें यह घातक दिल का दौरा पड़ा। निरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें धनबाद के एसएनएमएमसीएच रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
घटना का असर और अफरा-तफरी का माहौल
कार्तिक घोष की मौत से निरसा पॉलिटेक्निक और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। जब अचानक उनके बेहोश होने की खबर फैली, तो मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों और चिकित्सा दल में भी चिंता का माहौल था। तत्काल उन्हें उपचार देने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो सका।
क्या है मामले की गंभीरता?
यह घटना चुनावी ड्यूटी में तैनात कर्मियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की अहमियत को सामने लाती है। कई बार चुनावी कार्यों के दौरान कर्मचारियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है, और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा की अवहेलना हो सकती है। ऐसी घटनाओं से यह सवाल उठता है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की मेडिकल स्थिति और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या और उपाय किए जा रहे हैं?
चुनाव आयोग से सवाल
कार्तिक घोष की मौत के बाद स्थानीय निवासियों और मतदान कर्मियों ने चुनाव आयोग से सुरक्षा और स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की मांग की है। क्या चुनावी ड्यूटी में तैनात कर्मियों के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं? क्या उनकी हेल्थ चेकअप की प्रक्रिया नियमित रूप से की जाती है, ताकि ऐसे दुखद हादसों को रोका जा सके?
कार्तिक घोष का योगदान
कार्तिक घोष, जो चासनाला सेल में कार्यरत थे, लंबे समय से चुनावी ड्यूटी में योगदान दे रहे थे। उनकी कड़ी मेहनत और जिम्मेदारी को सभी ने सराहा था। दुख की बात यह है कि उनकी असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार के लिए एक बड़ा आघात दिया है। उनकी मृत्यु से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे चुनावी दल को भी गहरा सदमा पहुंचा है।
यह घटना एक गंभीर संदेश देती है कि चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के उपायों पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे न केवल कर्मचारियों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी सुरक्षित और सुचारु रूप से संचालित किया जा सकता है। चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में गहन समीक्षा करनी चाहिए और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
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