Dhanbad Danger: धनबाद में फिर फटी ज़मीन! जहरीली गैस और धधकती आग से दहशत
धनबाद में फिर फटी ज़मीन! जोगता बस्ती में दो बड़े गोफ बन गए, जहरीली गैस और आग की लपटों से इलाके में दहशत। पढ़ें पूरी खबर।

धनबाद: कोयलांचल क्षेत्र में भूमिगत आग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को जोगता 11 नंबर बस्ती के पास अचानक ज़मीन धंस गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। दो बड़े गोफ (सिंकहोल) बनने से लोगों में अफरातफरी मच गई। इस दौरान एक गोफ से आग की लपटें उठने लगीं, जबकि दूसरे से जहरीली गैस का रिसाव होने लगा।
इलाके में भय और गुस्से का माहौल है, क्योंकि बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) द्वारा कई बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद हजारों लोग अभी भी इस खतरनाक इलाके में रहने को मजबूर हैं।
कैसे बनी मौत की खाई?
स्थानीय लोगों के अनुसार, इससे पहले भी इस क्षेत्र में कई बार ज़मीन धंस चुकी है।
- पहले भी मंदिर और घर समा चुके हैं: कुछ साल पहले हनुमान मंदिर और कई मकान इसी तरह धंस गए थे।
- जमीन में लगातार दरारें बढ़ रही हैं, जिससे भविष्य में और बड़े हादसे की आशंका है।
- गैस रिसाव और आग का कारण भूमिगत कोयले में लगी आग बताई जा रही है, जो वर्षों से जल रही है।
इतिहास में झांकें तो…
धनबाद और झरिया पूरी दुनिया में भूमिगत आग और कोयला खदान दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हैं।
- 1916 में पहली बार झरिया में भूमिगत आग दर्ज की गई थी।
- आज 100 से ज्यादा जगहों पर ज़मीन के नीचे आग धधक रही है।
- 1980 के दशक में कई गांव खाली कराए गए, लेकिन अब भी हजारों लोग खतरे के बीच जी रहे हैं।
प्रशासन पर उठते सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार आग और गोफ बनने के बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
- बीसीसीएल ने कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन अब तक स्थायी पुनर्वास नहीं हुआ।
- गांव के लोग लगातार सुरक्षित स्थान पर बसाने की मांग कर रहे हैं।
- समाचार लिखे जाने तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था, जिससे लोगों में आक्रोश है।
क्या धनबाद दूसरा साइलेंट वैली बन जाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकाला गया, तो धनबाद के कई हिस्से कभी भी जमीन में समा सकते हैं। झरिया का एक बड़ा हिस्सा पहले ही आग और गैस रिसाव के कारण खाली हो चुका है।
सरकार कब जागेगी?
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर लोग इसी तरह जान हथेली पर लेकर जिंदगी गुजारते रहेंगे? अगर प्रशासन जल्द कोई समाधान नहीं निकालता, तो यह इलाका कभी भी साइलेंट वैली (एक वीरान भूमि) में बदल सकता है।
आपकी राय क्या है?
क्या सरकार को तुरंत इस इलाके को खाली कराकर लोगों का पुनर्वास करना चाहिए? आपकी राय कमेंट में जरूर दें।
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