दलमा इको सेंसेटिव जोन के 176 मकान-प्रतिष्ठानों को झारखंड सरकार का नोटिस! जानिए क्या होगा उनका भविष्य
झारखंड सरकार ने दलमा इको सेंसेटिव जोन में स्थित 176 मकानों और प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें अपने पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। जानें क्या है नोटिस का कारण और आगे क्या होगा।
झारखंड – झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने दलमा इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आने वाले 176 मकानों और प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उन्हें अलग-अलग तारीखों में अपने पक्ष रखने को कहा गया है। यह कदम दलमा इको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना संख्या S.O. 680(A) दिनांक 29.03.2012 के तहत उठाया गया है।
क्या कहा गया है नोटिस में
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 19 (बी) के अंतर्गत जारी इस नोटिस में कहा गया है कि आपका मकान या प्रतिष्ठान दलमा इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आता है और यह इको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना के प्रावधानों, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, और अन्य वन अधिनियमों के नियमों के विरुद्ध है। दलमा इको सेंसेटिव जोन की निगरानी समिति के निर्णय के आलोक में यह नोटिस दिया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि संबंधित व्यक्ति सुनवाई के लिए निर्धारित तिथि को दोपहर 2:00 बजे उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर के कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और विभिन्न वन अधिनियमों के तहत नियमानुसार विधिसम्वत कार्रवाई की जाएगी।
किसके द्वारा जारी किया गया नोटिस
यह नोटिस झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर-सह-संयोजक, निगरानी समिति, दलमा इको सेंसेटिव जोन द्वारा जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिनके भी मकान/प्रतिष्ठान इको सेंसेटिव जोन में आते हैं, वे अपने पक्ष को प्रस्तुत करें।
कब और कहां रखना है पक्ष
जिन मकानों और प्रतिष्ठानों को यह नोटिस भेजा गया है, उन्हें निम्नलिखित तिथियों में अपना पक्ष रखना है:
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पहली लिस्ट: इसमें 86 मकान/प्रतिष्ठानों को शामिल किया गया है। इन्हें 7 जुलाई, 8 जुलाई और 10 जुलाई को अपना पक्ष रखना होगा। इनमें डिमना, बालीगुमा और पारडीह के मकान/प्रतिष्ठान शामिल हैं।
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दूसरी लिस्ट: इसमें 91 मकान/प्रतिष्ठानों को शामिल किया गया है। इन्हें 16 अगस्त और 17 अगस्त को अपना पक्ष रखना होगा। इनमें आसनबनी और शहरबेड़ा के मकान/प्रतिष्ठान शामिल हैं।
पर्यावरण संरक्षण और कानूनी कार्रवाई
इस नोटिस का मुख्य उद्देश्य दलमा इको सेंसेटिव जोन की सुरक्षा और संरक्षण है। यह जोन पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है और यहां की प्राकृतिक संपदा को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में अवैध निर्माण और गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
यदि संबंधित पक्ष अपने पक्ष को प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और विभिन्न वन अधिनियमों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई दलमा इको सेंसेटिव जोन की निगरानी समिति द्वारा निर्देशित की जाएगी।
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