चौका सड़क दुर्घटना: अजय यादव के परिजनों को मिला 15 लाख रुपये मुआवज़ा, समाजसेवियों की भूमिका सराहनीय

चौका में सड़क दुर्घटना में अजय यादव की मौत के बाद, समाजसेवियों पप्पू सिंह और शंभु सिंह की मदद से अजय यादव के परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवज़ा मिला। कंपनी प्रबंधन ने कई राउंड की वार्ता के बाद मुआवज़ा देने पर सहमति जताई।

Jul 23, 2024 - 19:52
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चौका सड़क दुर्घटना: अजय यादव के परिजनों को मिला 15 लाख रुपये मुआवज़ा, समाजसेवियों की भूमिका सराहनीय
चौका सड़क दुर्घटना: अजय यादव के परिजनों को मिला 15 लाख रुपये मुआवज़ा, समाजसेवियों की भूमिका सराहनीय

चौका सड़क दुर्घटना: अजय यादव के परिजनों को मिला 15 लाख रुपये मुआवज़ा, समाजसेवियों की भूमिका सराहनीय

जमशेदपुर – विगत 21 जुलाई को चौका में घटी सड़क दुर्घटना में जख्मी अजय यादव की अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही मौत हो गई थी। अजय यादव पुरुलिया जिले के बलरामपुर के बिस्को मेटल एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड में ट्रक चालक के रूप में कार्यरत थे। उनके निधन के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अजय यादव अपने पीछे एक पुत्र और दो पुत्रियों को छोड़ गए हैं। इस दर्दनाक घटना के बाद कंपनी प्रबंधन ने अजय यादव के परिजनों से पल्ला झाड़ लिया और मुआवज़ा देने में टाल-मटोल की जाने लगी।

अजय यादव के परिजनों ने समाजसेवी पप्पू सिंह और शंभु सिंह से मदद की गुहार लगाई। जवाहरनगर रोड नंबर 15 निवासी मुकेश यादव ने इस समस्या को समाजसेवियों के सामने रखा। पप्पू सिंह और शंभु सिंह ने कंपनी प्रबंधन से मिलकर इस मामले को उठाया और चेतावनी दी कि अगर मृतक के परिजनों को उचित मुआवज़ा नहीं मिला तो वे कंपनी गेट जाम कर देंगे।

कई राउंड की वार्ता के बाद, अंततः कंपनी प्रबंधन 15 लाख रुपये मुआवज़ा देने पर सहमत हो गया। इसमें यह तय हुआ कि 5 लाख रुपये की राशि तत्काल नकद दी जाएगी, जबकि शेष 10 लाख रुपये की राशि छह महीने के भीतर देने का आश्वासन कोर्ट के पेपर पर लिखित रूप में दिया गया।

इस घटना से ट्रक ड्राइवरों में साथी को खोने का ग़म तो है, लेकिन उनके परिजनों के लिए समाजसेवी पप्पू सिंह और शंभु सिंह द्वारा किए गए कार्य से संतुष्टि भी है। इन दोनों युवा नेताओं की मेहनत और दृढ़ संकल्प ने यह सुनिश्चित किया कि अजय यादव के परिवार को न्याय मिल सके।

अजय यादव के परिजनों ने समाजसेवियों के इस कदम की सराहना की और कहा कि उनकी मदद से ही उन्हें न्याय मिल पाया है। इस घटना ने यह भी साबित किया कि अगर समाज में कुछ लोग अपने हक के लिए एकजुट होकर खड़े हो जाएं, तो किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।