Chakulia Elephant Terror: जंगली हाथी ने मचाया उत्पात, दुकान का शटर तोड़कर 50 हजार का नुकसान, 8 बोरी मुड़ी-आलू को रौंदा, रात 3 बजे से दहशत!
चाकुलिया के रूपुषकुंडी गांव में जंगली हाथी का उत्पात! सुबह 3 बजे दुकानदार के शटर को तोड़ा और 50 हजार का सामान बर्बाद कर दिया। जंगल से सटे गांव में ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल।
चाकुलिया, 27 नवंबर 2025 – झारखंड (Jharkhand) के चाकुलिया (Chakulia) प्रखंड (Block) की सरडीहा पंचायत (Sarddiha Panchayat) के रूपुषकुंडी गांव (Rupushkundi Village) में गुरुवार की सुबह (Thursday Morning) एक बार फिर से मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-Wildlife Conflict) का खौफनाक (Frightening) नजारा (Scene) देखने को मिला। रात करीब 3 बजे एक जंगली हाथी (Wild Elephant) ने गांव में घुसकर जमकर उत्पात (Havoc) मचाया, जिसमें एक दुकानदार (Shopkeeper) को करीब 50 हजार रुपए (50 Thousand Rupees) का भारी नुकसान (Heavy Loss) हुआ है। यह घटना दिखाती है कि जंगल से सटे इलाकों में वन्यजीवों के आवास (Habitat) क्षेत्र के सिकुड़ने (Shrinking) के कारण हाथियों का गांवों में घुसना अब एक सामान्य (Common) और गंभीर समस्या (Serious Problem) बन चुका है, जिससे ग्रामीण हर वक्त खतरे (Danger) में जीने को मजबूर हैं।
रात 3 बजे मचा हाहाकार, 8 बोरी सामान बर्बाद
हाथी के उत्पात की शुरुआत गुरुवार सुबह करीब 3 बजे हुई, जब वह सीधा समीर कुमार दे (Samir Kumar De) नामक दुकानदार की दुकान पर पहुंचा। हाथी इतना गुस्से (Anger) में था कि उसने सीधे दुकान के शटर (Shutter) को तोड़ (Broke) दिया और अंदर घुस गया।
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नुकसान का ब्यौरा: दुकानदार समीर कुमार दे ने बताया कि हाथी ने दुकान में रखे पांच बोरी मुड़ी (Puffed Rice) और तीन बोरी आलू (Potatoes) को खाकर और पैरों तले रौंदकर (Trampled) पूरी तरह से बर्बाद (Destroyed) कर दिया। दुकान में अन्य सामान को भी भारी क्षति (Damage) पहुंची।
समीर कुमार दे को इस उत्पात के कारण करीब 50,000 रुपये का सीधा आर्थिक नुकसान (Financial Loss) हुआ है। उन्हें इस घटना की जानकारी तब मिली, जब वे सुबह दुकान खोलने आए और शटर टूट हुआ पाया।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग पर सवाल
हाथी के गांव में घुसने की इस घटना से रूपुषकुंडी और आसपास के गांवों के लोगों में गहरा भय (Deep Fear) व्याप्त हो गया है। यह क्षेत्र मानव-हाथी संघर्ष के इतिहास (History of Conflict) से भरा पड़ा है, जहां हाथी अक्सर खाना (Food) और पानी (Water) की तलाश (Search) में आबादी (Settlements) वाले क्षेत्रों में घूमते हैं।
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सुरक्षा का मुद्दा: जंगल से सटे गांवों में सुरक्षा (Safety) एक बड़ा मुद्दा बन गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग (Forest Department) हाथियों को भगाने (Chasing Away) और नियंत्रित (Controlling) करने के लिए पर्याप्त (Sufficient) कदम नहीं उठा रहा है, जिससे उनके जानमाल (Life and Property) को हर पल खतरा (Threat) बना रहता है।
हाथी के उत्पात के बाद वन विभाग को तुरंत (Immediately) कार्रवाई करनी चाहिए ताकि हाथी को सुरक्षित रूप से जंगल के भीतर भेजा जा सके और दुकानदार को हुए नुकसान की भरपाई (Compensation) भी जल्द की जा सके।
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