मजदूरों के अधिकारों के लिए बीएसएसआरयू का प्रदर्शन, 22 नवंबर को दिल्ली में करेंगे रैली
बिहार झारखंड स्टेट सेल्स रिप्रजेंटेटिव यूनियन (बीएसएसआरयू) ने केंद्रीय श्रम मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और 22 नवंबर को दिल्ली में रैली का आह्वान किया। जानिए उनके विरोध की वजह और आगामी योजनाओं के बारे में।
झारखंड, 12 सितंबर 2024: बिहार झारखंड स्टेट सेल्स रिप्रजेंटेटिव यूनियन (बीएसएसआरयू) के सदस्यों ने गुरुवार को उपायुक्त से मुलाकात की और केंद्रीय श्रम मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर, उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया।
ज्ञापन में बीएसएसआरयू ने केंद्र सरकार की श्रम नीति पर विरोध जताया। बीएसएसआरयू के सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों का शोषण कर रही है और उन्हें गुलामी की ओर धकेलने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को चार संहिता में बदलने की प्रक्रिया में है। इससे विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारी सेवा शर्त अधिनियम 1976 को निरस्त किया जाएगा।
सुबोतो बिस्वास, बीएसएसआरयू के स्टेट सेकेटरी ने कहा कि यह प्रस्तावित परिवर्तन देश के विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले पांच लाख से अधिक विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारियों के अधिकारों और नौकरी की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उन्होंने सरकार से विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारी सेवा शर्त अधिनियम 1976 में कोई छेड़छाड़ न करने की मांग की है।
वहीं, बीएसएसआरयू के अन्य स्टेट सेकेटरी पीआर गुप्ता ने भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 77 सालों के बावजूद मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए कानून बनाने में सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है। 2017 में त्रिपक्षीय वार्ता के बावजूद अब तक वैधानिक कार्यप्रणाली लागू नहीं की गई है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी चरम पर है और सरकार चार लेबर कोर्ड लाकर कॉरपोरेट घरानों को सुविधाएं देना चाहती है, जबकि गरीब मजदूरों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है।
बीएसएसआरयू ने बताया कि वे 22 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगे, जिसका आह्वान एफएमआरएआई द्वारा किया गया है। इस रैली के माध्यम से वे अपनी आवाज़ और भी प्रभावशाली तरीके से उठाना चाहते हैं।
What's Your Reaction?