Bokaro Protest: विस्थापितों का बवाल, लाठीचार्ज में युवक की मौत, आज शहर ठप!
बोकारो स्टील सिटी में विस्थापितों का आंदोलन उग्र! लाठीचार्ज में युवक की मौत के बाद शहर बंद, स्टील प्लांट के सभी गेट जाम। जानिए पूरा मामला!

बोकारो: झारखंड के बोकारो स्टील सिटी में विस्थापितों का आंदोलन भारी उग्र हो चुका है। बीते दिन हुए लाठीचार्ज में एक युवक की मौत के बाद आज पूरे शहर में बंद का ऐलान कर दिया गया। सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, गाड़ियों की लंबी कतारें लग चुकी हैं, और बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के सभी गेट प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिए हैं।
कैसे भड़की हिंसा? जानें पूरा मामला!
दरअसल, विस्थापितों का आंदोलन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर चल रहा था, लेकिन जब प्रशासन ने इसे दबाने की कोशिश की, तब मामला हिंसक रूप ले लिया। बुधवार को हुए विरोध प्रदर्शन में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए और एक युवक की मौत हो गई। इसी के विरोध में आज बोकारो पूरी तरह बंद है।
क्या है विस्थापितों की मांग?
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नियोजन की गारंटी: अप्रेंटिस प्रशिक्षण पूरा कर चुके युवाओं को 21 दिनों में पद सृजित कर, 3 महीने के अंदर नियुक्ति देने का आश्वासन।
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मृतक के परिवार को मुआवजा: मृतक के परिजनों को ₹20 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग।
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घायलों का इलाज: घायलों के लिए बीजीएच अस्पताल में मुफ्त उपचार और ₹10,000 मुआवजा।
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मासिक बैठक की व्यवस्था: विस्थापितों के मुद्दों को हल करने के लिए हर महीने 15 तारीख को बैठक करने का निर्णय।
बंद का असर: स्कूल, बाजार सब ठप!
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स्टील प्लांट के सभी गेट जाम: कर्मचारियों को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा।
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प्राइवेट स्कूल बंद: अभिभावकों में डर का माहौल।
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सड़कों पर प्रदर्शनकारी: जगह-जगह नारेबाजी और प्रदर्शन।
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राजनीतिक पार्टियों का समर्थन: भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और झामुमो ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है।
अब आगे क्या? बढ़ेगी प्रशासन की मुश्किल!
बोकारो उपायुक्त विजया जाधव और पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गियारी ने शांति बनाए रखने की अपील की है। लेकिन हालात नाजुक बने हुए हैं। प्रशासन के आश्वासन के बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अगर जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है।
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