Bihar Political War: महागठबंधन में CM चेहरे पर सियासी जंग! उदित राज ने फिर तेजस्वी यादव को नकारा, राजद बनाम कांग्रेस में खेमेबाजी क्यों?
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद भी महागठबंधन में CM फेस पर खींचतान जारी है। राजद जहां तेजस्वी यादव को CM उम्मीदवार बनाना चाहती है, वहीं कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि 'इंडिया ब्लॉक' का चेहरा सामूहिक रूप से तय होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे। लेकिन राजनीति के अखाड़े में सबसे बड़ा सस्पेंस अभी भी बरकरार है: महागठबंधन का मुखिया कौन होगा?
राजद जहाँ तेजस्वी यादव को बिहार के CM कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने की पूरी कोशिश में है, वहीं कांग्रेस लगातार इस संभावना से किनारा करती दिख रही है। सीएम चेहरे को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही सियासी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में एक बार फिर से तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने की आशंकाओं को खारिज कर दिया है।
उदित राज का 'वीटो': CM फेस पर कांग्रेस का सख्त रुख
कांग्रेस नेता उदित राज की यह ताज़ा टिप्पणी महागठबंधन में तनाव की गहराई को उजागर करती है।
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स्पष्ट इनकार: उदित राज से जब पूछा गया कि क्या महागठबंधन तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित करेगा, तो उन्होंने साफ कहा कि तेजस्वी राजद के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन 'इंडिया ब्लॉक' का सीएम फेस सामूहिक रूप से तय किया जाएगा।
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सामूहिक फैसला: उदित राज ने राजद द्वारा तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने पर टिप्पणी करते हुए कहा, "देखिए किसी भी पार्टी का कोई भी समर्थक ऐसा कर सकता है। लेकिन इंडिया ब्लॉक का उम्मीदवार अभी तक तय नहीं हुआ है। देखते हैं कांग्रेस मुख्यालय इस पर क्या फैसला करता है।"
यह बयान स्पष्ट करता है कि कांग्रेस किसी भी हाल में राजद को तेजस्वी को एकतरफा सीएम उम्मीदवार घोषित करने की छूट नहीं देगी।
तेजस्वी की दावेदारी बनाम कांग्रेस की हिचक
तेजस्वी यादव, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र हैं और जिनकी माता राबड़ी देवी भी सीएम रह चुकी हैं, खुद दो बार के डिप्टी सीएम हैं। 2020 के चुनावों में राजद को 75 सीटों पर मिली सफलता का श्रेय भी तेजस्वी को ही दिया जाता है। इसके बावजूद, कांग्रेस लगातार उन्हें सीएम बनाने की संभावना से मुंह मोड़ती दिखी है।
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राहुल गांधी का गोलमोल जवाब: कुछ समय पहले जब राहुल गांधी और तेजस्वी एक साथ बैठे थे, तब राहुल ने इस सवाल को टाल दिया था। उन्होंने गोलमटोल जवाब देते हुए कहा था कि "इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दल बिना किसी तनाव के काम कर रहे हैं। हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और नतीजे अच्छे होंगे।"
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तेजस्वी की मांग: इसके उलट, कुछ हफ्ते पहले तेजस्वी ने कहा था कि बिना सीएम फेस घोषित किए महागठबंधन चुनाव नहीं लड़ेगा।
यह खींचतान ऐसे समय में हो रही है जब पहले चरण की वोटिंग में एक महीने से भी कम समय बचा है और सीट शेयरिंग भी फाइनल नहीं हुई है। महागठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह आंतरिक कलह है, जिसे पार्टी नेताओं को चुनाव से पहले जल्द से जल्द सुलझाना होगा।
आपकी राय में, बिहार चुनाव से पहले सीएम फेस को लेकर चल रही यह खींचतान महागठबंधन के चुनावी प्रदर्शन पर नकारात्मक या सकारात्मक कैसा असर डालेगी?
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