Baharagora Seizure: गांजा बरामद, अंधेरे में पुलिस को चकमा देकर खेतों में ओझल हुआ तस्कर, स्कूटी की डिक्की से निकला नशा
पूर्वी सिंहभूम के बरसोल थाना अंतर्गत कदमडीहा में पुलिस और मजिस्ट्रेट की संयुक्त छापेमारी में स्कूटी से 2 किलो गांजा बरामद किया गया है। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हुए तस्कर और पुलिस द्वारा जब्त की गई बंगाल नंबर की गाड़ी के पीछे छिपे बड़े नेटवर्क की पूरी सनसनीखेज हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी इस इलाके में सक्रिय ड्रग सिंडिकेट से अनजान रह जाएंगे।
बरसोल, 23 दिसंबर 2025 – पूर्वी सिंहभूम जिले के सीमावर्ती इलाकों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल की है। सोमवार की रात बरसोल थाना क्षेत्र के कदमडीहा गांव में एक फिल्मी स्टाइल की घेराबंदी देखने को मिली। पुलिस और अंचलाधिकारी (मजिस्ट्रेट) की संयुक्त टीम ने एक संदिग्ध स्कूटी को रोककर जब उसकी जांच की, तो डिक्की के भीतर से 2 किलो गांजा बरामद हुआ। हालांकि, तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस की आँखों में धूल झोंकते हुए खेतों की ओर भाग निकला, लेकिन पुलिस के हाथ वह कड़ी लग गई है जिससे इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
इतिहास: बंगाल-झारखंड बॉर्डर और तस्करी का 'नारकोटिक्स रूट'
ऐतिहासिक रूप से बरसोल और बहरागोड़ा का इलाका झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमाओं का संगम स्थल रहा है। $19वीं$ सदी के बाद से ही इन व्यापारिक मार्गों का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह 'बॉर्डर बेल्ट' मादक पदार्थों की तस्करी के लिए संवेदनशील हो गया है। विशेष रूप से ओडिशा से आने वाला गांजा बंगाल के रास्ते झारखंड के बाजारों में खपाने का पुराना इतिहास रहा है। पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि तस्कर अक्सर बंगाल नंबर की गाड़ियों का उपयोग करते हैं ताकि वे आसानी से सीमा पार कर सकें। कदमडीहा गांव के पास की यह कार्रवाई इसी 'ट्रांजिट रूट' पर पुलिस की बढ़ती चौकसी का प्रमाण है।
सर्जिकल स्ट्राइक: जब डिक्की खुली तो उड़े पुलिस के होश
बरसोल थाना प्रभारी अभिषेक कुमार को सोमवार शाम एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक तस्कर भारी मात्रा में गांजा लेकर बंगाल की ओर से आ रहा है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत बहरागोड़ा अंचलाधिकारी (सीओ) राजाराम मुंडा को मजिस्ट्रेट के रूप में बुलाया गया।
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घेराबंदी का जाल: पुलिस ने कदमडीहा गांव के पास गुप्त तरीके से बैरिकेडिंग की। जैसे ही बंगाल नंबर की स्कूटी (WB49 B0269) वहां पहुँची, पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया।
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खतरनाक फरारी: पुलिस को करीब आते देख तस्कर ने हिम्मत दिखाई और चलती गाड़ी छोड़कर सड़क किनारे के खेतों में छलांग लगा दी। रात का घना अंधेरा और झाड़ियों के कारण पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही।
बरामदगी: 'वाइट' स्कूटी में 'हरा' नशा
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जब स्कूटी की तलाशी ली गई, तो डिक्की के भीतर प्लास्टिक में पैक 2 किलो गांजा मिला।
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गाड़ी जब्त: पुलिस ने स्कूटी को तत्काल जब्त कर लिया है। परिवहन विभाग के डेटा के अनुसार, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पश्चिम बंगाल का है, जिससे यह साफ होता है कि तस्करी के तार अंतरराज्यीय हैं।
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टीम की मुस्तैदी: इस ऑपरेशन में एएसआई कुलदीप ठाकुर, सिकंदर यादव और पुलिस बल के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अगली कार्रवाई: फरार तस्कर की पहचान लगभग तय हो चुकी है और पुलिस अब उसके स्थानीय संपर्कों (Locals) को खंगाल रही है ताकि यह पता चले कि गांजे की यह खेप किस 'डिलीवरी पॉइंट' पर पहुँचानी थी।
ऑपरेशन गांजा: एक नजर में (Quick Snapshot)
| विवरण | जानकारी |
| बरामद नशा | 2 किलो गांजा |
| वाहन जब्त | स्कूटी (संख्या: WB49 B0269) |
| स्थान | कदमडीहा गांव, बरसोल |
| मजिस्ट्रेट | राजाराम मुंडा (CO, बहरागोड़ा) |
| ऑपरेशन लीडर | अभिषेक कुमार (थाना प्रभारी) |
बॉर्डर पर बढ़ती चौकसी: तस्करों में हड़कंप
बहरागोड़ा और बरसोल की पुलिस अब उन कच्चे रास्तों पर भी नजर रख रही है जिनका उपयोग तस्कर अक्सर मुख्य सड़क से बचने के लिए करते हैं। थाना प्रभारी अभिषेक कुमार का कहना है कि नशा माफिया अब छोटे वाहनों और स्कूटी का उपयोग कर रहे हैं ताकि पुलिस को शक न हो। सोमवार की इस कार्रवाई के बाद सीमावर्ती गांवों में सक्रिय संदिग्धों पर पुलिस की पैनी नजर है।
फरार तस्कर की खैर नहीं
भले ही तस्कर खेतों के रास्ते भाग निकलने में सफल रहा हो, लेकिन जब्त की गई स्कूटी उसके लिए काल साबित होगी। पुलिस ने फरार अपराधी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम रवाना कर दी है। बरसोल पुलिस की इस मुस्तैदी ने साफ कर दिया है कि झारखंड की सीमा में अब नशे का कारोबार करना तस्करों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा है।
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