Barkagaon Protest : नो एंट्री उल्लंघन पर ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, हाईवा रोका
बड़कागांव में नो एंट्री नियमों के उल्लंघन से ग्रामीणों में आक्रोश। पढ़ें कैसे ग्रामीणों ने हाईवा को रोककर पुलिस को सूचना दी और सड़क पर जाम लगाया।
झारखंड के बड़कागांव में नो एंट्री नियमों के उल्लंघन से ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। बड़कागांव के मुख्य चौक पर भारी वाहनों द्वारा बार-बार नियम तोड़ने से इलाके के लोगों में आक्रोश फैल गया। मंगलवार को इस मुद्दे ने एक नया मोड़ लिया जब ग्रामीणों ने एक हाईवा को रोककर पुलिस को सूचित किया, जिससे सड़क पर जाम लग गया।
क्या है मामला?
बड़कागांव में सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी है। यह नियम स्थानीय ट्रैफिक प्रबंधन और सड़क की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। लेकिन, बार-बार नो एंट्री का उल्लंघन देखने को मिलने से ग्रामीणों में निराशा और गुस्सा बढ़ता गया। कई बार प्रशासन से अपील की गई कि नो एंट्री का नियम सख्ती से लागू किया जाए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मंगलवार का विरोध
मंगलवार को शाम 4 बजे के करीब एक हाईवा ने नो एंट्री का उल्लंघन किया, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने तुरंत हाईवा को रोक लिया और पुलिस को इसकी जानकारी दी। वाहन के घुसने से सड़क पर जाम लग गया और यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की कि इस समस्या का हल निकाला जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
ग्रामीणों का दर्द और प्रशासन की चुप्पी
ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार इस तरह के उल्लंघनों के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क की स्थिति खराब हो जाती है और यातायात व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई की कमी से लोग काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि यदि समय पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
बड़कागांव की ट्रैफिक व्यवस्था का इतिहास
बड़कागांव, जो झारखंड का एक महत्वपूर्ण इलाका है, अपनी सड़क सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियमों के लिए जाना जाता है। लेकिन, समय-समय पर यहां ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होता रहा है। इससे पहले भी कई बार ग्रामीणों ने प्रशासन को आगाह किया है कि नियमों की अनदेखी से सड़क पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
प्रशासन से उम्मीदें
ग्रामीणों ने अब प्रशासन से एक ठोस कार्रवाई की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने सही समय पर सख्ती नहीं बरती, तो सड़क पर चलने वाले वाहन और अधिक बढ़ सकते हैं, जिससे आने वाले समय में समस्या और बढ़ेगी। उन्हें विश्वास है कि प्रशासन उनकी समस्या को गंभीरता से लेकर समाधान निकालेगा।
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