बंटवारे का दर्द: हिंदुस्तान से पाकिस्तान तक की कहानी
बंटवारे का दर्द: हिंदुस्तान से पाकिस्तान तक की कहानी
बंटवारे का दर्द: हिंदुस्तान से पाकिस्तान तक की कहानी
अगर हिंदुस्तान सबका है,
तो पाकिस्तान क्यों बना?
तुम्हारी आँखों में सवाल,
हमारी आँखों में जवाब,
इतिहास की धारा में उलझा,
एक मुद्दा, एक गुलाब।
सपनों के हिंदुस्तान में,
सबको था जगह का अधिकार,
लेकिन धर्म की दीवारों ने,
किया उसे दो हिस्सों में तार-तार।
संवेदनाओं के सागर में,
बहती थी उम्मीद की नाव,
पर कुछ लोगों ने खींची लकीरें,
और बना दिया दर्द का गाँव।
राजनीति की चालें,
और धर्म की दीवार,
इसने ही बाँटा मुल्क हमारा,
और किया हमें दो हिस्सों में तैयार।
हम सबके दिल में एक ख्वाब था,
एक मुल्क, एक पहचान,
पर वक्त ने ली करवट ऐसी,
और हो गया बँटवारा महान।
आज भी दिल में सवाल उठता है,
अगर हिंदुस्तान सबका था,
तो क्यों बनीं ये सरहदें,
और क्यों बहा खून का दरिया?
सवाल तुम्हारे वाजिब हैं,
जवाब ढूँढते हैं हम भी,
इतिहास की गलियों में भटकते,
और सच्चाई की तलाश में जीते हैं हम भी।
-Written By : Dharambir Singh
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