बालिजुड़ी में आदिवासी उत्थान सहकारी समिति ने आयोजित किया रक्तदान शिविर, 40 यूनिट रक्त संग्रह
बालिजुड़ी में आदिवासी उत्थान सहकारी समिति और नई जिंदगी परिवार जमशेदपुर द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 40 यूनिट रक्त संग्रह हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में रक्तदान के प्रति बढ़ते उत्साह की झलक।
पोटका प्रखंड के बालिजुड़ी स्थित सोहदा पंचायत भवन में सोमवार को आदिवासी बहुउद्देशीय उत्थान सहकारी समिति पोटका और नई जिंदगी परिवार जमशेदपुर के सौजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में दो महिलाओं समेत कुल 40 युवाओं ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। खास बात यह रही कि इस शिविर में "ट्राइबल ब्लड मैन" के नाम से मशहूर जमशेदपुर के सारजमदा निवासी राजेश मार्डी ने 75वीं बार रक्तदान करके एक मिसाल कायम की।
ग्रामीण क्षेत्रों में दिखा रक्तदान के प्रति उत्साह
रक्तदान शिविर के आयोजन के दौरान ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया। वीवीडीए के सहयोग से जमशेदपुर ब्लड सेंटर की टीम ने 40 यूनिट रक्त का संग्रह किया। इस आयोजन में स्थानीय लोगों की भागीदारी और सहयोग ने इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के आयोजनों से न सिर्फ रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, बल्कि लोगों में एकजुटता और सामुदायिक भावना भी विकसित हो रही है।
रक्तदाताओं का सम्मान और योगदान
शिविर में रक्तदान करने वाले सभी 40 युवाओं को दिवंगत भोजों सिंह बानरा के बड़े भाई आकाश बानरा ने सम्मान पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "रक्तदान महादान है, और इस तरह के आयोजन से लोगों में जागरूकता बढ़ती है। सभी रक्तदाताओं का योगदान समाज के लिए अनमोल है।"
मिल-जुलकर किया शिविर का आयोजन सफल
इस शिविर को सफल बनाने में कई लोगों का योगदान रहा, जिनमें समिति के सीमा बास्के, रघुनाथ हांसदा, सरस्वती मुर्मू, संजय मुर्मू, राजेश मार्डी, मार्शल देवगम, ममता मार्डी, सोमाय माझी और जगत टुडू का नाम प्रमुख है। इन सभी ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास करके शिविर को सफल बनाया और ग्रामीणों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया।
हमारा नजरिया
ऐसे आयोजनों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होता है, बल्कि समाज के सभी वर्गों में रक्तदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है। यह देखकर खुशी होती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग बढ़-चढ़कर रक्तदान में हिस्सा ले रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि लोगों में समाज के प्रति अपने दायित्वों का बोध बढ़ रहा है और वे दूसरों की मदद के लिए तत्पर हैं।
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