अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ गंभीर आरोप: सीसीआई की रिपोर्ट से व्यापार जगत में खलबली

सीसीआई की नई रिपोर्ट ने फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं का आरोप लगाया है। कैट ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है, साथ ही त्योहारी बिक्री कार्यक्रमों को निलंबित करने का आग्रह किया है।

Sep 16, 2024 - 16:11
Sep 16, 2024 - 16:52
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अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ गंभीर आरोप: सीसीआई की रिपोर्ट से व्यापार जगत में खलबली
अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ गंभीर आरोप: सीसीआई की रिपोर्ट से व्यापार जगत में खलबली

रांची, 16 सितंबर 2024: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेश सोन्थालिया ने सीसीआई (प्रतिस्पर्धा आयोग) की नई रिपोर्ट को वैश्विक नियामक इतिहास में एक ऐतिहासिक मामला बताया है। इस रिपोर्ट में फ्लिपकार्ट और अमेज़न को खुलेआम प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानूनों का उल्लंघन करते पाया गया है।

सोन्थालिया ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और घरेलू खुदरा व्यापारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मंत्री से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने और एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति की शुरुआत की भी मांग की है।

सोन्थालिया ने सीसीआई की रिपोर्ट में नामित ब्रांडों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने अमेज़न और फ्लिपकार्ट के व्यापार को निलंबित करने की अपील की, खासकर आगामी “त्योहारी बिक्री” कार्यक्रमों के दौरान, क्योंकि इससे घरेलू व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी तरीकों के कारण और अधिक नुकसान होगा।

कैट ने कहा कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न द्वारा अपनाई गई प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं ने घरेलू व्यापारियों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। इन कंपनियों की रणनीतियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घरेलू व्यापार को सशक्त बनाने के विजन को कमजोर किया है।

सीसीआई की रिपोर्ट में फ्लिपकार्ट के विभिन्न विभागों, शाओमी, सैमसंग, रियलमी, मोटोरोला और वीवो जैसे मोबाइल निर्माताओं को प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया गया है। इसी तरह, अमेज़न के विभिन्न प्रभागों को भी दोषी पाया गया है।

सोन्थालिया ने कहा कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न की गतिविधियों ने प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुँचाया है और उनके प्लेटफार्मों पर तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये प्लेटफ़ॉर्म गैर-तटस्थ बाज़ार बन गए हैं और विशेष विक्रेताओं को अनधिकृत लाभ प्रदान कर रहे हैं।

इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि विदेशी वित्त पोषण के कारण ये कंपनियाँ भारी छूट पर उत्पादों की पेशकश कर रही हैं, जिससे छोटे विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है और बाजार में एकाधिकार स्थापित हो रहा है। यह समस्या केवल स्मार्टफोन तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में फैली हुई है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।