Tata Steel Action: बर्मामाइंस डिस्पेंसरी बंद होने से मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

टाटा स्टील ने बर्मामाइंस डिस्पेंसरी को बंद किया, जिससे मरीजों को हो रही है कठिनाइयां। करनदीप सिंह ने इस फैसले को लेकर टाटा स्टील और उपायुक्त से मदद की अपील की है। जानिए पूरी खबर!

Jan 29, 2025 - 19:38
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Tata Steel Action: बर्मामाइंस डिस्पेंसरी बंद होने से मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
Tata Steel Action: बर्मामाइंस डिस्पेंसरी बंद होने से मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

टाटा स्टील ने इस साल 2025 में कई नए नियम लागू किए हैं, और इसके तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। टाटा स्टील ने सोमवार से बर्मामाइंस क्षेत्र स्थित ट्यूब डिवीजन की डिस्पेंसरी को बंद कर दिया है, जिससे बुजुर्गों और अन्य मरीजों को काफी कठिनाइयां हो रही हैं। डिस्पेंसरी बंद होने के कारण मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब बर्मामाइंस और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग इस डिस्पेंसरी पर काफी निर्भर थे। खासकर बुजुर्गों को रोजमर्रा की दवाइयों और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, जो अब उन्हें मिलने में मुश्किलें आ रही हैं।

समाजसेवी करनदीप सिंह ने इस समस्या पर गंभीर चिंता जताई है और उन्होंने टाटा स्टील और जमशेदपुर के उपायुक्त को एक ट्वीट कर अपील की है कि बर्मामाइंस डिस्पेंसरी को फिर से खोला जाए। करनदीप सिंह ने बताया कि यह डिस्पेंसरी न केवल बूढ़े बुजुर्गों के लिए, बल्कि सभी मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा केंद्र थी।

करनदीप सिंह के ट्वीट में बताया गया कि बुधवार को उन्होंने देखा कि एक मरीज को डायलिसिस की आवश्यकता थी। मरीज बारीडीह डिस्पेंसरी पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें टीएमएच हॉस्पिटल जाने के लिए कहा गया। इससे मरीज और उनके परिवार को काफी परेशानी हुई, क्योंकि टीएमएच हॉस्पिटल बर्मामाइंस से काफी दूर है और वहां पहुंचने के लिए समय और साधनों की आवश्यकता होती है।

टाटा स्टील की ओर से इस डिस्पेंसरी को बंद करने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता अधिक बढ़ गई है। इस क्षेत्र में हजारों लोग रहते हैं, और उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें अब और भी बढ़ गई हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना की है और यह सवाल उठाया है कि क्या यह कदम समुदाय के हित में था।

इस संदर्भ में, करनदीप सिंह ने टाटा स्टील से अपील की है कि वे बर्मामाइंस की डिस्पेंसरी को फिर से शुरू करें और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करें। उनका कहना है कि बर्मामाइंस और आसपास के क्षेत्रों के लोग टाटा स्टील के कर्मचारियों और उनके परिवारों के रूप में कंपनी से जुड़े हुए हैं, और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों में, बर्मामाइंस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार हुआ था, और यह डिस्पेंसरी स्थानीय लोगों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र बन गई थी। हालांकि, अब इस बंदी के कारण मरीजों को दवाइयों और चिकित्सा सहायता के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ रहा है, जो कि असुविधाजनक है।

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