Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन ने झामुमो में लौटने की अफवाहों पर लगाया विराम, क्या है उनका नया फैसला?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने झामुमो में लौटने की अफवाहों पर विराम लगाया। सोशल मीडिया पर दिए बयान में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भाजपा में ही रहेंगे। जानें इस खबर के बारे में और क्या कहा चंपाई सोरेन ने!
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन ने झामुमो में वापसी की चल रही अटकलों पर साफ तौर पर विराम लगा दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी पुरानी पार्टी में वापस नहीं लौटेंगे। उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और चंपाई सोरेन के समर्थकों और विपक्षी दलों दोनों के बीच काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है।
सोशल मीडिया पर दी स्पष्ट प्रतिक्रिया
चंपाई सोरेन ने लिखा कि, “मैं जहां हूं, भविष्य में भी वहीं रहूंगा। मेरा उस पार्टी में वापस लौटने का कोई इरादा नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ न्यूज पोर्टल्स द्वारा फिर से झूठी अफवाहें फैलायी जा रही हैं, जिनका उद्देश्य केवल उन्हें बदनाम करना और उनके समर्थकों में भ्रम पैदा करना है। चंपाई सोरेन ने यह साफ किया कि इस प्रकार की साजिशों का कोई असर उन पर नहीं पड़ेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले में और भी स्पष्टता दी और कहा कि वह भाजपा में शामिल होने के बाद इस निर्णय को सोच-समझ कर लिया हुआ कदम मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “आप लाख अफवाहें फैला लें, लेकिन एक बार जिस राह को छोड़ दिया, उस पर वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है।”
विधानसभा चुनाव के बाद चली थीं वापसी की अफवाहें
यह घटनाक्रम झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद हुआ है, जब चंपाई सोरेन को लेकर यह चर्चा तेज हो गई थी कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में वापस लौट सकते हैं। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ऐसे कयास लगाए गए थे कि चंपाई सोरेन फिर से झामुमो में शामिल हो सकते हैं, लेकिन चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पर पहले ही इन अफवाहों को खारिज कर दिया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि उनके पुराने वीडियो का इस्तेमाल कर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है और उन्होंने कहा था कि उनका भाजपा में शामिल होने का फैसला पूरी तरह से सोच-समझ कर लिया गया था।
क्या है चंपाई सोरेन का नया राजनीतिक रास्ता?
चंपाई सोरेन ने पहले ही यह बता दिया था कि वह भा.ज.पा. (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल होने के बाद अपनी राजनीतिक यात्रा में पूरी तरह से समर्पित हैं और भविष्य में किसी भी परिस्थिति में वह उस पार्टी से बाहर नहीं जाएंगे। चंपाई के समर्थकों का मानना है कि उनका यह बयान उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा और विश्वास को दर्शाता है।
यह कदम चंपाई सोरेन के राजनीतिक जीवन में एक नया मोड़ लेकर आया है। कुछ समय पहले तक वह झारखंड में प्रमुख विपक्षी नेता माने जाते थे, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उनके राजनीतिक रुख में परिवर्तन आ गया है। उन्होंने कई बार इस बात का जिक्र किया कि उनका भाजपा में शामिल होने का निर्णय सोच-समझकर लिया गया था और यह उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
चंपाई सोरेन का बयान क्यों है अहम?
चंपाई सोरेन के इस बयान का झारखंड की राजनीति पर बड़ा असर हो सकता है, क्योंकि उनका नाम राज्य की राजनीति में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। वह राज्य के कोल्हान क्षेत्र से जुड़े एक मजबूत नेता हैं और उनका झामुमो में वापसी न करने का निर्णय राजनीति में नई गहमा-गहमी पैदा कर सकता है।
झारखंड के कोल्हान टाइगर के रूप में मशहूर चंपाई सोरेन का यह बयान राज्य में भाजपा और झामुमो के बीच राजनीति के समीकरणों को और पेचीदा बना सकता है। उनके इस फैसले से यह साफ है कि वह भाजपा में ही अपनी राजनीतिक यात्रा को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
चंपाई सोरेन का यह बयान न केवल उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर आशंकाओं को समाप्त करता है, बल्कि झारखंड की राजनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत भी देता है। उन्होंने अपनी स्थिति साफ कर दी है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस निर्णय के बाद भा.ज.पा. में उनकी भूमिका और झामुमो के साथ उनके पुराने रिश्ते किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।
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