Ranchi Shooter Kill: हत्याकांड का खुलासा, चचेरे भाई ने सुपाड़ी देकर शूटर से कराया हत्या का आदेश!

रांची में जमीन विवाद के चलते हुए एक खौ़फनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ। चचेरे भाई उमेश राय ने शूटर से करवाई थी हत्या, पढ़ें पूरी खबर।

Jan 24, 2025 - 16:33
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Ranchi Shooter Kill: हत्याकांड का खुलासा, चचेरे भाई ने सुपाड़ी देकर शूटर से कराया हत्या का आदेश!
Ranchi Shooter Kill: हत्याकांड का खुलासा, चचेरे भाई ने सुपाड़ी देकर शूटर से कराया हत्या का आदेश!

रांची में जमीन के पुराने विवाद के चलते हुए एक खौ़फनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ है। जमीन कारोबारी मधुसूदन राय की हत्या में उनके चचेरे भाई उमेश राय की भूमिका सामने आई है। उमेश राय ने सुपाड़ी देकर पेशेवर शूटर मानवेल खलखो से अपने भाई को मौत के घाट उतारवाया था। यह मामला 15 दिसंबर 2024 का है, जब मधुसूदन राय को ताबड़तोड़ गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्याकांड की साजिश काफी पहले, सितंबर 2024 में रची गई थी।

कहां से शुरू हुआ विवाद? यह हत्या जमीन के एक पुराने विवाद से जुड़ी हुई थी। मधुसूदन राय और उमेश राय के बीच आठ एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से तकरार चल रही थी। इस विवाद के चलते उमेश राय ने अपने चचेरे भाई मधुसूदन राय को रास्ते से हटाने के लिए इस खतरनाक कदम को उठाया। उमेश राय ने हत्या की सुपाड़ी शूटर मानवेल खलखो को दी थी और इसके लिए दो बाइक का इस्तेमाल किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि इन बाइक का फाइनेंस उमेश राय द्वारा किया गया था। बाइक का डाउन पेमेंट और ईएमआई भी वह ही चुका रहा था।

वारदात की साजिश और तैयारी पुलिस के मुताबिक, इस हत्याकांड की साजिश पूरी तरह से सितंबर 2024 में रची गई थी। उमेश राय ने शूटर को हत्या के लिए तैयार करने से पहले मधुसूदन राय के बारे में पूरी जानकारी जुटाई थी। इसके लिए दीपक कुमार राय और राज किशोर राय जैसे अपराधियों ने रेकी का काम किया और सारी जानकारी अशोक सिंह को दी, जिसने फिर उमेश राय तक इसे पहुंचाया। इसके बाद, 15 दिसंबर 2024 को शूटर मानवेल खलखो और उमेश राय ने मिलकर मधुसूदन राय पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।

पुलिस ने किया खुलासा, चार गिरफ्तार रांची पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शूटर मानवेल खलखो, अशोक सिंह, राज किशोर राय और दीपक कुमार राय शामिल हैं। इन सभी को बड़ाकवाली से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर पकड़ा गया था। पुलिस ने इनके पास से एक देसी कट्टा, सात जिंदा गोलियां, चार मोबाइल फोन और हत्या में इस्तेमाल की गई अपाची बाइक भी बरामद की है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और बताया कि यह हत्या जमीन विवाद के कारण की गई थी।

पुराने हमलों का संदर्भ गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि यह पहली बार नहीं था जब उमेश राय और उसके साथी अपराधियों ने मधुसूदन राय को निशाना बनाया था। 2008 में भी उमेश राय, दीपक राय और राज किशोर राय सहित अन्य अपराधियों ने मधुसूदन राय पर गोली चलाई थी, हालांकि उस हमले में वह बच गए थे। उस हमले में उनकी पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद 2016 में भी एक और हमला किया गया था, लेकिन इस बार भी मधुसूदन राय बच गए थे। अंत में, 15 दिसंबर 2024 को उमेश राय ने हत्या की साजिश को अंजाम दिया और अपने चचेरे भाई को मार डाला।

कुल मिलाकर हत्याकांड की पूरी कहानी रांची पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए यह साबित कर दिया कि पुराने विवाद और रिश्तों के बीच गहरे राज होते हैं। यह मामला सिर्फ जमीन विवाद का नहीं था, बल्कि इसमें परिवार के अंदर के मतभेद और साजिश की कहानी भी छिपी हुई थी। पुलिस अब उमेश राय की तलाश में जुटी हुई है, जो फिलहाल फरार है।

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