Ranchi Operation: जंगल में लेवी वसूलने की साजिश रच रहे 5 उग्रवादी गिरफ्तार!
झारखंड के खूंटी में जंगल से पीएलएफआई के 5 उग्रवादी गिरफ्तार! जानें कैसे पुलिस ने ठेकेदारों से लेवी वसूलने की साजिश नाकाम कर दी।

रांची, 10 मार्च 2025 : झारखंड के खूंटी जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के पांच उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी जंगल में बैठकर ठेकेदारों से जबरन लेवी वसूलने और संगठन के विस्तार की साजिश रच रहे थे।
पुलिस ने इनके पास से एक देसी कारबाइन, कई गोलियां, पीएलएफआई के छह पर्चे, चार बाइक, पांच मोबाइल और एक बैग बरामद किया है। इनकी योजना ठेकेदारों को डराने और फिरौती वसूलने की थी, लेकिन पुलिस ने इससे पहले ही इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
कैसे हुई जंगल में छापेमारी?
खूंटी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के उग्रवादी कर्रा थाना क्षेत्र के रोन्हे जंगल में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इस पर एसपी अमन कुमार ने तुरंत एसडीपीओ ख्रिस्टोफर केरकेट्टा के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की।
टीम में तोरपा के पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार सिंह, कर्रा थाना प्रभारी मनीष कुमार, जरियागढ़ थाना प्रभारी राजू कुमार, रनिया थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल, एसडीपीओ के अंगरक्षक और कर्रा थाना के सशस्त्र बल शामिल थे। शनिवार देर रात पुलिस ने जंगल में छापेमारी कर पांच उग्रवादियों को दबोच लिया।
गिरफ्तार उग्रवादियों की पहचान
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान इस प्रकार हुई:
✔ पवन कुमार उर्फ पवन महतो (तरगड़ी गांव, इटकी, रांची)
✔ करमा बारला
✔ सेंटू सिंह (डटमा मोड़ कुजू, मांडू)
✔ अभय कुमार सिंह उर्फ अमन सिंह (हेहल बड़काकाना, पतरातू)
✔ दीपक मुंडा
सेंटू और दीपक की जेल में बनी थी दोस्ती!
पुलिस के अनुसार, सेंटू सिंह और दीपक मुंडा पहले भी जेल जा चुके हैं। दोनों की मुलाकात जेल में हुई थी और वहीं से उन्होंने एक साथ अपराध की दुनिया में कदम बढ़ाने की योजना बनाई।
क्या है पीएलएफआई, और क्यों फैल रहा इसका आतंक?
पीएलएफआई झारखंड का कुख्यात उग्रवादी संगठन है, जिसे मूल रूप से नक्सलियों से अलग होकर बनाया गया था। इसका मकसद था लेवी वसूलना, ठेकेदारों को धमकाना और कोयला एवं निर्माण कार्यों से अवैध वसूली करना।
हालांकि, समय के साथ यह संगठन शुद्ध रूप से अपराधियों का गिरोह बन चुका है, जो रंगदारी और हत्याओं में लिप्त है। झारखंड पुलिस लगातार इस संगठन के खिलाफ अभियान चला रही है, लेकिन अब भी इसके कई सक्रिय सदस्य इलाके में दहशत फैलाने में जुटे हुए हैं।
जेल भेजे गए सभी उग्रवादी, आगे क्या?
गिरफ्तारी के बाद पांचों उग्रवादियों को रविवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है, और जल्द ही इनके बाकी साथियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
बड़ा सवाल – क्या झारखंड में खत्म होगा उग्रवाद?
झारखंड लंबे समय से नक्सली और उग्रवादी संगठनों के आतंक से जूझ रहा है। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से इन संगठनों की कमर तोड़ी जा रही है, लेकिन सवाल यह उठता है –
✔ क्या झारखंड को उग्रवाद से मुक्त किया जा सकता है?
✔ क्या पुलिस की कार्रवाई सिर्फ छोटे अपराधियों तक सीमित रहेगी, या इनके बड़े सरगनाओं पर भी शिकंजा कसा जाएगा?
✔ क्या ठेकेदार और व्यापारी अब बेखौफ काम कर पाएंगे?
पुलिस ने जनता से मांगी मदद
एसपी अमन कुमार ने जनता से अपील की है कि अगर कहीं भी संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उग्रवाद के खात्मे तक यह अभियान जारी रहेगा।
अब देखना यह है कि झारखंड पुलिस इस ऑपरेशन को कितनी दूर तक लेकर जाती है और क्या आने वाले दिनों में खूंटी और आसपास के इलाकों को उग्रवादियों के डर से मुक्त किया जा सकेगा?
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