चाईबासा में बड़ी पुलिस कार्रवाई: नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद दो एसएलआर रायफल बरामद
पश्चिम सिंहभूम में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सर्च अभियान में पुलिस ने दो एसएलआर रायफल बरामद की हैं। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने नक्सलियों के हथियारों का जखीरा जब्त किया।
पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा): झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे निरंतर अभियान में शनिवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने दो एसएलआर रायफल बरामद किए। यह कार्रवाई कराईकेला थानांतर्गत लादुराडीह और सुरूगाड़ा के घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्र में की गई।
कैसे मिला पुलिस को यह सुराग?
मामला 18 अक्टूबर का है, जब पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा को गुप्त सूचना मिली कि पुलिस की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का एक सदस्य, बुधराम मुण्डा, मारा गया था। इस घटना के बाद, अन्य नक्सली सदस्य—अमित मुण्डा, प्रभात मुण्डा, चमन उर्फ लंबु, सालुका कायम, रिसिब उर्फ जिउरी, बुलबुल, बीर सिंह, हेमंती और संजय—ने कराईकेला क्षेत्र के लादुराडीह और सुरूगाड़ा के जंगलों में हथियार छिपा दिए थे।
जंगल में सर्च ऑपरेशन कैसे हुआ?
पुलिस को मिली इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद, तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) के नेतृत्व में एक संयुक्त अभियान दल का गठन किया गया। इस दल में सीआरपीएफ 157 बटालियन के जवान भी शामिल थे। संयुक्त अभियान दल ने लादुराडीह और सुरूगाड़ा के आसपास के घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में सघन सर्च अभियान चलाया।
इस सर्च अभियान के दौरान, पुलिस और सुरक्षा बलों ने जंगल के एक दुर्गम हिस्से में छिपाए गए दो एसएलआर रायफल बरामद किए। हथियारों को बरामद करने के बाद पुलिस ने उन्हें विधिवत जब्त कर लिया।
नक्सलियों की रणनीति पर पुलिस की पकड़
नक्सलियों द्वारा जंगल में हथियार छुपाने की यह रणनीति लंबे समय से इस्तेमाल की जा रही है, लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी ने उनकी इस योजना को विफल कर दिया। इस सर्च ऑपरेशन से यह साबित होता है कि पुलिस न केवल मुठभेड़ों में सक्रिय भूमिका निभा रही है, बल्कि मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों के अवशेषों को खोजना और उन्हें निष्क्रिय करना उनका लक्ष्य है।
नक्सली संगठन को बड़ा झटका
इस कार्रवाई से न केवल पुलिस की नक्सल विरोधी मुहिम को बल मिला है, बल्कि भाकपा माओवादी संगठन को भी बड़ा झटका लगा है। मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने के बाद, उनके द्वारा छिपाए गए हथियारों का खुलासा होना संगठन की कमजोर होती रणनीति को दर्शाता है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस पूरे ऑपरेशन पर बोलते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ इस तरह के अभियान लगातार जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि पश्चिम सिंहभूम के घने जंगलों में नक्सलियों की सक्रियता को कम करने के लिए सर्च ऑपरेशन की रणनीति को और अधिक सख्त किया जाएगा।
नक्सलवाद के खिलाफ जारी मुहिम
झारखंड में नक्सलवाद एक गंभीर समस्या रही है, और पुलिस तथा सुरक्षा बलों की ओर से इसे समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे सर्च अभियान से स्पष्ट है कि पुलिस अब उनके छिपे हुए ठिकानों को निशाना बना रही है।
इस घटना से यह भी साफ होता है कि नक्सली संगठन के सदस्य न केवल कानून के सामने कमजोर पड़ रहे हैं, बल्कि उनके पास छिपने के लिए अब ज्यादा जगह नहीं बची है। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।
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