Palamu Murder : डायन-बिसाही के शक में महिला ने आठ साल के बच्चे की गला दबाकर की हत्या

पलामू जिले में डायन-बिसाही के शक में महिला ने अपने गोतिया के आठ साल के बेटे की हत्या कर शव को खेत में फेंक दिया। जानें पूरी घटना और पुलिस कार्रवाई।

Dec 10, 2024 - 13:57
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Palamu Murder : डायन-बिसाही के शक में महिला ने आठ साल के बच्चे की गला दबाकर की हत्या
डायन-बिसाही के शक में महिला ने आठ साल के बच्चे की गला दबाकर की हत्या

पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के बहेरा गांव में एक दिल दहला देने वाली हत्या की घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने डायन-बिसाही के शक में अपने गोतिया के आठ साल के बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को पास के अरहर के खेत में फेंक दिया। यह भयावह वारदात ने पूरे गांव को सन्न कर दिया है।

मृतक और आरोपी का संबंध:

मृतक बच्चा प्रेम कुमार, आरोपी महिला की चाची का बेटा था। आरोपी महिला का नाम सुनीता देवी है, और वह जमुना सिंह की पत्नी है। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले ही सुनीता देवी के पांच महीने के बेटे की मौत हो गई थी। महिला को शक था कि उसके बेटे की मौत की वजह अखिलेश सिंह की मां यानी प्रेम कुमार की दादी ने भूत-प्रेत से हुई है। इस शक के चलते उसने गुस्से में आकर अपने गोतिया के बेटे को अगवा कर लिया और उसकी हत्या कर दी।

घटना का दिन और पुलिस की कार्रवाई:

रविवार को प्रेम कुमार खेलने निकला था, लेकिन उसके बाद वह लापता हो गया। मृतक के पिता अखिलेश सिंह ने चैनपुर पुलिस को बेटे के गुमशुदगी की सूचना दी और सुनीता देवी पर अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने तुरंत छानबीन शुरू की और सुनीता देवी को थाने बुलाकर पूछताछ की। पूछताछ में महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने प्रेम कुमार को गला दबाकर मारा और शव को खेत में फेंक दिया।

शव की बरामदगी और पोस्टमार्टम:

पुलिस ने महिला की निशानदेही पर शव को खेत से बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले की छानबीन में पुलिस की टीम में पुअनि अनिल विद्यार्थी, बाबूलाल दुबे, सअनि रामचंद्र चंद्रवंशी, शहंशाह आलम सिद्दीकी और थाना के रिजर्व गार्ड शामिल थे। महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पलामू में बढ़ते अपराध:

यह घटना पलामू जिले में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है। खासकर, डायन-बिसाही जैसी पुरानी मान्यताओं के चलते होने वाली हिंसा की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। स्थानीय लोग इस प्रकार की घटनाओं को लेकर भयभीत हैं और प्रशासन से कड़े कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।

भय और अंधविश्वास का असर:

ऐसी घटनाएं समाज में अंधविश्वास और भय की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करती हैं। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि जब लोग किसी भी तरह के अंधविश्वास में घिर जाते हैं, तो इसके नतीजे गंभीर और भयावह हो सकते हैं। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

पलामू में घटित इस घटना ने जहां पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है, वहीं यह हमें यह भी याद दिलाती है कि समाज में अंधविश्वासों को समाप्त करने और सही ज्ञान फैलाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अंधविश्वासों से दूर करें और कानूनी प्रक्रिया को प्रभावी बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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