कोलकाता रेप-मर्डर केस LIVE अपडेट्स: सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पीड़िता की पहचान उजागर करने वाली तस्वीर और नाम हटाने का आदेश दिया
कोलकाता में डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पीड़िता की तस्वीर और नाम हटाने का आदेश दिया। CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुनवाई जारी।
कोलकाता में एक पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस केस की सुनवाई में आज सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पीड़िता की पहचान उजागर करने वाली तस्वीर और नाम हटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई तब हो रही है जब कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन 38 दिन से जारी है।
मामला और विरोध प्रदर्शन:
9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 31 वर्षीय एक महिला डॉक्टर के साथ कथित रूप से रेप और हत्या का मामला सामने आया। इस घटना के बाद से शहर के जूनियर डॉक्टरों में भारी आक्रोश है और वे लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे डॉक्टरों ने 38 दिनों से कामकाज ठप कर दिया है, जिससे पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई फिर से शुरू की है। कोर्ट ने पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस को कड़े निर्देश दिए थे, जिसमें पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। 9 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को ड्यूटी पर वापस लौटने का आदेश दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
सीबीआई जांच और अदालत की टिप्पणियाँ:
इस सुनवाई में सीबीआई ने एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट ने सीबीआई की जांच पर चिंता जताते हुए कहा कि जांच में कई देरी और अनियमितताएं सामने आई हैं। खासकर एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी और पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए शव के साथ चालान का न होना प्रमुख मुद्दे थे। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वे अगले सुनवाई में यह महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करें।
विकिपीडिया को हटाने का आदेश:
इस केस की सुनवाई के दौरान विकिपीडिया पर पीड़िता की तस्वीर और नाम का खुलासा होने की बात भी सामने आई। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए विकिपीडिया को तुरंत पीड़िता की पहचान से जुड़ी सामग्री हटाने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी तरह से पीड़िता की पहचान उजागर करना भारतीय कानूनों का उल्लंघन है और इसे तुरंत रोकना चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक और डॉक्टरों का जवाब:
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मुलाकात की। उन्होंने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की घोषणा की। इसके साथ ही राज्य सरकार ने अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए ₹100 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सभी आश्वासन पूर्ण रूप से लागू नहीं होते, तब तक वे सेवाओं पर वापस नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि वे अन्य अस्पतालों के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से परामर्श करके ही अंतिम निर्णय लेंगे।
सीसीटीवी और सुरक्षा उपायों में कमी:
सुनवाई के दौरान, CJI चंद्रचूड़ ने आरजी कर अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी पर चिंता जताई। कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द सुरक्षा उपायों को लागू करने का आदेश दिया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
विरोध प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे:
- अस्पताल में सुरक्षा उपायों की कमी
- घटना के बाद एफआईआर दर्ज करने में देरी
- पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
- पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने की मांग
यह मामला पूरे देश के मेडिकल समुदाय में गहरी चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि वे तब तक अपनी सेवाएं बहाल नहीं करेंगे, जब तक न्याय पूर्ण रूप से सुनिश्चित नहीं किया जाता और सभी मांगें पूरी नहीं होतीं।
What's Your Reaction?