Koderma Attack: कोडरमा में युवक पर तलवार और गोली से हमला, दोस्तों ने दिखाई बहादुरी, अपराधी गिरफ्तार
झारखंड के कोडरमा में युवक पर तलवार और गोली से हमला, दोस्तों ने बहादुरी दिखाते हुए अपराधी को पकड़कर पुलिस को सौंपा। जानिए पूरा मामला और कैसे दोस्तों की सूझबूझ ने बचाई जान।

झारखंड के कोडरमा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दो अपराधियों ने एक युवक पर तलवार और गोली से हमला कर दिया, लेकिन युवक और उसके दोस्तों ने अद्भुत बहादुरी दिखाते हुए न सिर्फ हमलावर को पटक दिया, बल्कि उसका हथियार छीनकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना ने न केवल अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए, बल्कि यह साबित कर दिया कि साहस और एकता से बड़े से बड़े अपराध को रोका जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
4 महीने पहले रोहित गुप्ता के घर मिस्टी और पीयूष यादव नाम के दो अपराधियों ने मोबाइल चोरी की थी। इस घटना में पकड़े जाने के बाद, दोनों को जेल जाना पड़ा। लेकिन 2 दिन पहले ही वे जमानत पर छूटकर आए और बदले की भावना से रोहित गुप्ता और उसके भाई को गोली मारने की धमकी दी।
इसी बदले की भावना के चलते, उन्होंने योजना बनाकर रोहित गुप्ता पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की।
कैसे हुआ हमला?
- हमलावरों ने तलवार से किया वार: अपराधियों ने तलवार से हमला कर रोहित को मारने की कोशिश की।
- फायरिंग भी की: जान लेने की नीयत से गोली भी चलाई गई, लेकिन निशाना चूक गया।
- दोस्तों ने दिखाई बहादुरी: रोहित और उसके दोस्तों ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए अपराधियों पर पलटवार किया और उन्हें पटककर जमीन पर गिरा दिया।
- हथियार छीने और पुलिस को सौंपा: हमलावरों से तलवार और पिस्टल छीन ली और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस कर रही मामले की जांच
पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गिरफ्तार अपराधियों को हिरासत में ले लिया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। इस घटना से यह साफ हो गया है कि कोडरमा में अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय युवाओं की बहादुरी से वे सफल नहीं हो सके।
अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड
- पहले से अपराधी हैं मिस्टी और पीयूष: ये दोनों अपराधी पहले भी मोबाइल चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं।
- बदले की भावना से किया हमला: जेल से छूटते ही उन्होंने रोहित और उसके परिवार को निशाना बनाने की योजना बनाई।
- अब दोबारा सलाखों के पीछे: बहादुर युवाओं की सूझबूझ से पुलिस ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया।
कैसे युवाओं की सूझबूझ ने टाला बड़ा हादसा?
अगर रोहित और उसके दोस्तों ने तेजी से फैसला नहीं लिया होता, तो यह घटना घातक हो सकती थी। लेकिन उनकी बहादुरी और एकता की वजह से अपराधी अपने मंसूबों में नाकाम रहे। यह घटना उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपराधियों से डरने के बजाय साहस और सतर्कता से मुकाबला करने का हौसला रखते हैं।
झारखंड के कोडरमा जिले में हुई इस घटना ने बहादुरी और सतर्कता का एक शानदार उदाहरण पेश किया है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि समय पर सही निर्णय लेना जान बचा सकता है। पुलिस अब पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है, और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की तैयारी कर रही है।
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