Jharkhand Cabinet: भूमि घोटाले में अधिकारी की बर्खास्तगी, नगर विकास में बढ़ा जीएसटी, उच्च शिक्षा में मिलेंगे पुरस्कार
झारखंड कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिसमें भूमि घोटाले में एसओआर मतियस विजय टोप्पो की बर्खास्तगी, नगर विकास कार्यों में जीएसटी बढ़ोतरी और उच्च शिक्षा में नौ तरह के पुरस्कारों की मंजूरी शामिल हैं। जानिए पूरी खबर।
झारखंड कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में सबसे बड़ा निर्णय रांची के पूर्व विशेष विनियमन पदाधिकारी (एसओआर) मतियस विजय टोप्पो को सेवा से बर्खास्त करने का रहा। इसके अलावा नगर विकास विभाग में निर्माण कार्यों के लिए जीएसटी दर में बढ़ोतरी और उच्च शिक्षा में नौ अलग-अलग पुरस्कारों को मंजूरी देने का भी ऐलान किया गया। आइए जानते हैं इस बैठक के प्रमुख फैसले।
भूमि घोटाले में एसओआर मतियस विजय टोप्पो बर्खास्त
रांची के पूर्व विशेष विनियमन पदाधिकारी (एसओआर) मतियस विजय टोप्पो को सरकार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उन पर सीएनटी (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) के तहत आने वाली जमीनों के हस्तांतरण में तय प्रक्रियाओं का पालन न करने और गड़बड़ी करने का आरोप था। सरकार ने इस मामले की जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद कैबिनेट ने टोप्पो को सेवा से हटाने का निर्णय लिया।
यह मामला इसलिए भी अहम है, क्योंकि झारखंड में सीएनटी कानून आदिवासी जमीनों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस कानून के तहत बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए भूमि का हस्तांतरण गैर-कानूनी होता है। लेकिन टोप्पो पर आरोप था कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर यह गड़बड़ी की। सरकार का यह कदम यह दर्शाता है कि अब भूमि घोटालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
नगर विकास के निर्माण कार्यों में बढ़ा जीएसटी, अब 12% की जगह 18% होगी दर
कैबिनेट ने नगर विकास विभाग के निर्माण कार्यों में जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। इस फैसले से सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इससे पहले, पथ निर्माण विभाग में पहले ही 18% जीएसटी लागू किया गया था। अब नगर विकास विभाग के कार्यों पर भी यही दर लागू होगी।
इस फैसले से सरकारी निर्माण कार्यों की लागत बढ़ सकती है, लेकिन सरकार का मानना है कि इससे टैक्स संग्रह में सुधार होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।
उच्च शिक्षा में 9 तरह के पुरस्कार देने का फैसला
झारखंड सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों, छात्रों, प्रशासकों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए "झारखंड राज्य उच्चतर शिक्षा पुरस्कार योजना" लागू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत कुल नौ श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे।
इस फैसले से राज्य में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और शिक्षकों व छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे झारखंड के शिक्षा स्तर में सुधार होगा और प्रतिभाशाली छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
पेंशन और सेवा लाभों को मंजूरी
कैबिनेट ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाणिज्यकर विभाग के सेवानिवृत्त पदाधिकारी राज कुमार राम की सेवा को संपुष्ट करने और उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ देने की मंजूरी दी। इसी तरह, जमशेदपुर के हस्तशिल्प संसाधन सह विकास केंद्र से सेवानिवृत्त वरीय अनुदेशक विजय कुमार ठाकुर को भी पेंशन और अन्य लाभ दिए जाने की स्वीकृति मिली।
यह फैसला उन सरकारी कर्मचारियों के लिए राहतभरा है, जिनकी सेवा को लेकर कानूनी अड़चनें थीं और जो अपने वित्तीय लाभों के इंतजार में थे।
सहायक शिक्षकों के दो छाया पद को मंजूरी
कैबिनेट ने डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय (गैर-सरकारी सहायता प्राप्त भाषायी अल्पसंख्यक विद्यालय) में सहायक शिक्षकों के दो छाया पदों को मंजूरी दी है। ये पद 26 फरवरी 2009 से 31 दिसंबर 2017 तक की अवधि के लिए सृजित किए गए हैं। इस मामले में दीपक कुमार ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया।
यह निर्णय झारखंड में शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
कैबिनेट के फैसलों का असर और निष्कर्ष
झारखंड कैबिनेट के इन फैसलों का राज्य पर सीधा असर पड़ेगा।
- भूमि घोटाले में कार्रवाई से सरकारी अधिकारियों में जवाबदेही बढ़ेगी और गैर-कानूनी तरीके से जमीन के हस्तांतरण पर सख्ती बरती जाएगी।
- नगर विकास विभाग में बढ़ा जीएसटी सरकारी राजस्व को बढ़ाएगा, लेकिन निर्माण कार्यों की लागत भी बढ़ सकती है।
- उच्च शिक्षा में पुरस्कार योजना से राज्य में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा मिलेगा और शिक्षकों-छात्रों को सम्मान मिलेगा।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन और वित्तीय लाभ मिलने से प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा।
- शिक्षा क्षेत्र में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
झारखंड सरकार के ये फैसले राज्य के प्रशासनिक, वित्तीय और शैक्षणिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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