जमशेदपुर के युवाओं में बंगाल की घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश, टेल्को में 100 से अधिक छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल की कड़ी कार्रवाई की मांग

बंगाल में डॉ. मौमिता की हत्या और बलात्कार के खिलाफ जमशेदपुर के युवाओं में भारी आक्रोश। टेल्को में 100 से अधिक छात्रों ने कैंडल मार्च निकालते हुए अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। नारे लगाकर न्याय की गुहार लगाई।

Aug 18, 2024 - 20:04
जमशेदपुर के युवाओं में बंगाल की घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश, टेल्को में 100 से अधिक छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल की कड़ी कार्रवाई की मांग
जमशेदपुर के युवाओं में बंगाल की घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश, टेल्को में 100 से अधिक छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल की कड़ी कार्रवाई की मांग

जमशेदपुर: बंगाल में हुए डॉ. मौमिता की निर्मम हत्या और बलात्कार की घटना ने पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। इस घटना के खिलाफ जमशेदपुर के युवाओं ने भी अपनी आवाज़ बुलंद की। रविवार को टेल्को के मिलेनियम पार्क के समीप 100 से अधिक छात्रों ने एकजुट होकर कैंडल मार्च आयोजित किया, जिसमें उन्होंने न्याय की मांग करते हुए ज़ोरदार नारे लगाए—"वी वांट जस्टिस!"

इस रैली में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं ने बंगाल की मुख्यमंत्री और प्रशासन के खिलाफ भी नाराजगी व्यक्त की। छात्र अभय कुमार दास ने कहा, "बंगाल की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं, फिर भी राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही है। एक हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक हत्यारों का पता नहीं लगाया जा सका है। यह स्थिति असहनीय है और इससे युवाओं में भारी आक्रोश है।"

रैली में शामिल युवाओं ने मौन कैंडल मार्च के माध्यम से दिवंगत डॉ. मौमिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस कैंडल मार्च में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी शामिल हुए, जिन्होंने अपने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर न्याय की गुहार लगाई।

यह कैंडल मार्च और रैली इस बात का संकेत है कि देश का युवा अब महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर बेहद संवेदनशील और जागरूक हो चुका है। वे न केवल न्याय की मांग कर रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

युवाओं का संदेश था साफ: "अगर आज हम चुप रहे, तो कल यह आग हमारे घरों तक भी पहुंच सकती है। अब समय आ गया है कि हम सभी एकजुट होकर आवाज़ उठाएं और अपराधियों को उनकी अंजाम तक पहुंचाएं।"

जमशेदपुर के टेल्को क्षेत्र में निकली इस रैली ने दिखा दिया कि युवा पीढ़ी अब जागरूक है और अन्याय के खिलाफ खड़ी है। इस घटना को लेकर उनका गुस्सा और दर्द साफ तौर पर झलक रहा था, और उनकी यह मांग है कि देश में कहीं भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह कैंडल मार्च और रैली जमशेदपुर के युवाओं के जागरूकता और साहस का प्रतीक बनकर उभरा है, जिन्होंने बंगाल की घटना के खिलाफ न केवल अपनी आवाज उठाई बल्कि न्याय की मांग भी की।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।