Jamshedpur Suicide: शिक्षिका टुंपा डे की दर्दनाक मौत, 48 घंटे में चौथी आत्महत्या से दहशत

जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में 40 वर्षीय शिक्षिका टुंपा डे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 48 घंटे में शहर में चौथी आत्महत्या से हड़कंप मचा हुआ है। जानिए पूरा मामला।

Aug 23, 2025 - 13:14
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Jamshedpur Suicide: शिक्षिका टुंपा डे की दर्दनाक मौत, 48 घंटे में चौथी आत्महत्या से दहशत
Jamshedpur Suicide: शिक्षिका टुंपा डे की दर्दनाक मौत, 48 घंटे में चौथी आत्महत्या से दहशत

झारखंड का जमशेदपुर शहर इन दिनों आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं से दहशत में है। पिछले 48 घंटे के भीतर मेडिकल छात्र, एक ऑटो चालक, एक शिक्षिका और एक अन्य व्यक्ति ने अपनी जान दे दी है। इनमें सबसे ताजा मामला परसुडीह थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां कीताडीह शिव मंदिर के पास रहने वाली 40 वर्षीय शिक्षिका टुंपा डे ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

 शिक्षिका टुंपा डे कौन थीं?

टुंपा डे जमशेदपुर के एक नामी मॉडल स्कूल में पढ़ाती थीं। उनकी पहचान एक मेहनती और समर्पित अध्यापिका के तौर पर थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि टुंपा डे पढ़ाई-लिखाई में काफी गंभीर थीं और बच्चों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती थीं। लेकिन उनकी निजी जिंदगी में क्या चल रहा था, इसका अंदाजा किसी को नहीं था।

 घटना कैसे हुई?

मंगलवार शाम को जब उनके पति बाबू डे घर पर मौजूद नहीं थे, तब टुंपा डे ने अपने ही घर में फांसी लगा ली। घर में दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं, जो इस हादसे के बाद पूरी तरह सदमे में हैं।

शाम को जब लोग घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि टुंपा डे पंखे से लटकी हुई हैं। आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

 पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही परसुडीह थाना प्रभारी अविनाश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

 परिवार और बच्चों पर गहरा सदमा

दो बच्चों की मां टुंपा डे की अचानक मौत से पूरा परिवार टूट गया है। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक, टुंपा डे का स्वभाव शांत और मिलनसार था। किसी ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगी।

 48 घंटे में चौथी आत्महत्या

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बीते 48 घंटे में जमशेदपुर में चार लोगों ने आत्महत्या की है।

  • एक मेडिकल छात्र

  • एक ऑटो चालक

  • एक अन्य व्यक्ति

  • और अब टुंपा डे (शिक्षिका)

इन लगातार घटनाओं ने पूरे शहर को चिंता में डाल दिया है।

 मानसिक तनाव और बढ़ते केस

विशेषज्ञों का मानना है कि शहर में लगातार बढ़ती आत्महत्याओं के पीछे तनाव, आर्थिक दबाव, पारिवारिक कलह और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी जैसे कारण हो सकते हैं।

आज के समय में लोग बाहर से मुस्कुराते नजर आते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर टूट जाते हैं। कई बार हालात ऐसे बनते हैं कि व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करने का फैसला कर लेता है।

 समाज के लिए संदेश

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता? परिवार और समाज को चाहिए कि वह ऐसे संकेतों को गंभीरता से लें और लोगों को सहयोग दें।

अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से जूझ रहा है तो उसे अकेला न छोड़ें। बातचीत करें, उसके साथ समय बिताएं और जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग या हेल्पलाइन नंबरों का सहारा लें।

जमशेदपुर की शिक्षिका टुंपा डे की आत्महत्या सिर्फ एक परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर क्यों हम मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लेते।

48 घंटे के भीतर हुई चार आत्महत्याओं ने साफ कर दिया है कि अब समय आ गया है जब हमें इस विषय पर खुलकर बातचीत करनी होगी।

 अगर आप या आपका कोई परिचित तनाव में है, तो तुरंत मदद लें। हेल्पलाइन नंबर: 1800-599-0019 (किरण मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन)

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।