Jamshedpur Strike: आदित्यपुर जल सहियाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल, मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं महिलाएं!

जमशेदपुर और सरायकेला के जल सहियाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, मानदेय में वृद्धि, बकाया भुगतान और मोबाइल फोन की मांग, पढ़ें पूरी खबर!

Jan 28, 2025 - 14:24
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Jamshedpur Strike: आदित्यपुर जल सहियाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल, मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं महिलाएं!
Jamshedpur Strike: आदित्यपुर जल सहियाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल, मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं महिलाएं!

सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में इस समय एक बड़ा आंदोलन चल रहा है। एक ओर जहां चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी अनुकंपा आश्रितों को नौकरी देने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जल सहियाओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल भी जारी है। मानदेय में वृद्धि और अन्य बकाया मुद्दों को लेकर ये महिलाएं अब सड़कों पर आ गई हैं। यह संघर्ष केवल उनका नहीं, बल्कि उन तमाम महिला कार्यकर्ताओं का है, जो अक्सर अपमान और संघर्षों के बावजूद अपने काम को अंजाम देती हैं।

क्या है जल सहियाओं की मुख्य मांग?

जमशेदपुर और सरायकेला की जल सहियाओं का प्रमुख मुद्दा उनके मानदेय में वृद्धि करना और बकाया राशि का भुगतान है। इसके अलावा, उनकी एक और बड़ी मांग मोबाइल फोन देने की है, ताकि वे अपने कार्यों को और प्रभावी तरीके से अंजाम दे सकें। इन सहियाओं का कहना है कि जब तक उनकी ये सभी मांगे पूरी नहीं की जातीं, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

पेयजल विभाग में हालात क्या हैं?

पिछले कुछ दिनों से आदित्यपुर स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में कर्मचारियों और जल सहियाओं का आंदोलन चल रहा है। इन दिनों पेयजल विभाग के अधिकारी कार्यालय में अनुपस्थित हैं, जिससे कर्मचारियों और जल सहियाओं की नाराजगी और बढ़ गई है। विभाग के अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने स्थिति को और भी तूल दिया है।

इतिहास की ओर एक नजर

जल सहियाओं का संघर्ष कोई नया नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भी वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कई बार आवाज उठाती रही हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कभी भी पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया गया। यह आंदोलन भी उसी निराशा का परिणाम है, जिसमें सहियाओं को कभी अपनी मेहनत का सही सम्मान नहीं मिला।

नीतू सिंह की बात

झारखंड राज्य जल सहिया संघ की पूर्वी सिंहभूम इकाई की अध्यक्ष नीतू सिंह ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। सरकार और विभाग पर निशाना साधते हुए नीतू ने कहा कि वे खुद अपनी सुरक्षा और सम्मान की खातिर लड़ाई लड़ रही हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को बेहतर कामकाजी माहौल मिल सके।

साथ ही चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का धरना

सोमवार को झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ त्रिपाठी गुट के आह्वान पर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने भी अनुकंपा आश्रितों को नौकरी देने और अन्य विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। ये कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर सरकार और विभाग से इंसाफ की उम्मीद कर रहे हैं।

क्या होगा आगे?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विभाग इन आंदोलनों के प्रति कितना संवेदनशील होते हैं और इन महिलाओं की जायज मांगों का समाधान कैसे निकालते हैं। चूंकि यह मुद्दा न सिर्फ कर्मचारियों और सहियाओं का है, बल्कि यह समाज के बड़े तबके की भी चिंता है, इसलिए जल्द ही इसे सुलझाना आवश्यक होगा।

समाप्ति:

जमशेदपुर और सरायकेला की जल सहियाओं का यह अनिश्चितकालीन हड़ताल न केवल उनके हक की लड़ाई है, बल्कि यह उन सभी कर्मचारियों के लिए भी एक सख्त संदेश है, जो अपना काम ईमानदारी से करते हैं लेकिन सही सम्मान नहीं पाते। अब यह सरकार और विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन महिलाओं की मांगों पर गौर करें और जल्द से जल्द समाधान प्रदान करें।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।