Jamshedpur Event: तेलुगु समाज ने किया दरिद्र नारायण भोज, विधायक पूर्णिमा दास का मिलनसार योगदान

जमशेदपुर में तेलुगु समाज ने कार्तिक पूर्णिमा के चौथे सोमवार को आयोजित किया दरिद्र नारायण भोज। विधायक पूर्णिमा दास ने मिलनसार व्यवहार से सभी का दिल जीता। जानें इस खास आयोजन की पूरी जानकारी।

Nov 25, 2024 - 16:46
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Jamshedpur Event: तेलुगु समाज ने किया दरिद्र नारायण भोज, विधायक पूर्णिमा दास का मिलनसार योगदान
Jamshedpur Event: तेलुगु समाज ने किया दरिद्र नारायण भोज, विधायक पूर्णिमा दास का मिलनसार योगदान

जमशेदपुर के टिनप्लेट आंध्र क्लब में तेलुगु समाज द्वारा आयोजित कार्तिक पूर्णिमा के चौथे सोमवार को दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास सम्मिलित हुईं और अपनी उपस्थिति से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने स्वयं भोजन परोसकर पुण्य कमाया और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया।

विधायक ने दिखाया मिलनसार व्यवहार

तेलुगु समाज के इस धार्मिक आयोजन में विधायक पूर्णिमा दास ने न सिर्फ सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया, बल्कि समाज के साथ अपनी सहभागिता को और भी सशक्त किया। उन्होंने आयोजन में हिस्सा लेते हुए स्वयं दरिद्र नारायण भोज में भोजन परोसने का कार्य किया। इस दौरान उन्होंने समाज की महिलाओं के साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। उनके इस सरल और मिलनसार व्यवहार को देखकर वहां उपस्थित सभी महिलाएं अत्यधिक खुश और गर्वित महसूस कर रही थीं।

समाज के साथ सहयोग की नई मिसाल

विधायक पूर्णिमा दास के इस कदम ने तेलुगु समाज में एक नई उम्मीद और सहयोग का माहौल पैदा किया। समाज की महिलाओं ने इस अवसर पर उनकी सराहना की और आशा जताई कि हमेशा की तरह समाज के प्रति उनका सहयोग और मिलनसारता बनी रहेगी। यह आयोजन इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक जनप्रतिनिधि अपने समुदाय के साथ जुड़कर उनके सुख-दुख में सहभागी बन सकता है और उन्हें सकारात्मक दिशा दे सकता है।

दरिद्र नारायण भोज की महत्वता

कार्तिक पूर्णिमा के चौथे सोमवार को आयोजित दरिद्र नारायण भोज का धार्मिक और सामाजिक महत्व अत्यधिक है। यह दिन विशेष रूप से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए समर्पित होता है, जहां समाज के संपन्न वर्ग द्वारा भोजन वितरित किया जाता है। यह एक प्रकार से पुण्य का कार्य माना जाता है, जिससे समाज में समरसता और सहयोग का भाव पैदा होता है।

तेलुगु समाज का योगदान

तेलुगु समाज का यह कदम केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी बढ़ावा दिया। समाज के सभी वर्गों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और एकता का संदेश दिया।

इस आयोजन ने जमशेदपुर के तेलुगु समाज में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। यह प्रमाण है कि धर्म, संस्कृति और समाज सेवा का संगम कितना महत्वपूर्ण होता है, और किस तरह छोटे-छोटे आयोजन समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।

संक्षेप में, विधायक पूर्णिमा दास का तेलुगु समाज के इस धार्मिक आयोजन में भाग लेना और उनका मिलनसार व्यवहार समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। यह आयोजन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देने वाला था।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।