झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की, ज्ञापन सौंपकर महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। जानें कौन-कौन से मुद्दे थे खास।

झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने राज्य की विभिन्न महत्त्वपूर्ण माँगों पर चर्चा की और ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सभी माँगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।

Sep 10, 2024 - 22:21
Sep 10, 2024 - 22:23
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झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की, ज्ञापन सौंपकर महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। जानें कौन-कौन से मुद्दे थे खास।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड जनाधिकार महासभा की मुलाकात, महत्त्वपूर्ण माँगों पर होगी चर्चा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड जनाधिकार महासभा की मुलाकात, गंभीर मुद्दों पर चर्चा

रांची, 10 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आज झारखंड जनाधिकार महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनके कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न सामाजिक मुद्दों और जनहित के मसलों पर चर्चा हुई। झारखंड जनाधिकार महासभा के साथ-साथ अन्य संगठनों की महत्त्वपूर्ण माँगों को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

महत्त्वपूर्ण माँगों का ज्ञापन सौंपा गया
इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड जनाधिकार महासभा ने कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कराया। इनमें आदिवासी और वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा, भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जनसमर्थन, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार, तथा झारखंड के गरीब तबकों के लिए सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर विशेष रूप से जोर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह भरोसा दिलाया कि उनकी सभी माँगों पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी और जहाँ भी जरूरी होगा, उचित कदम उठाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार झारखंड के विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और जनता के हितों को सर्वोपरि रखकर कार्य करेगी।

प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। इनमें राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव, झारखंड जनाधिकार महासभा के धर्म वाल्मीकि, फादर टॉम कावला, समाजशास्त्री ज्यां द्रेज, सिराज दत्ता, एलिना होरो, मंथन, दिनेश मुर्मू, आलोका और नितिन मुंडा जैसे महत्त्वपूर्ण नाम शामिल थे। ये सभी झारखंड के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर काम करने वाले अनुभवी और सक्रिय लोग हैं, जिनका इस बैठक में योगदान महत्त्वपूर्ण रहा।

क्या हैं झारखंड जनाधिकार महासभा की मुख्य माँगें?
झारखंड जनाधिकार महासभा ने मुख्यमंत्री से जो प्रमुख माँगें रखीं, उनमें आदिवासियों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन, और राज्य में गरीबों के हक के लिए आवाज उठाना शामिल है। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार जैसी कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि झारखंड में विकास के नाम पर कई बार आदिवासी और वंचित समुदायों के साथ अन्याय हुआ है, जिसे रोकने की आवश्यकता है। इन माँगों को राज्य सरकार तक पहुँचाने और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए यह मुलाकात की गई।

मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करेगी और जहाँ जरूरी होगा, तुरंत कार्रवाई करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार आदिवासी और वंचित तबकों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। राज्य में विकास के साथ-साथ सभी समुदायों को न्याय मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है।

आगे की योजना
झारखंड जनाधिकार महासभा ने इस बैठक के बाद अपने आगे की रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इन माँगों पर किस तरह की कार्रवाई करती है और आने वाले समय में झारखंड के विकास में यह मुलाकात कितना प्रभावी साबित होती है।

झारखंड की राजनीति में यह मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसमें राज्य के कई बड़े सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक हस्तियाँ शामिल थीं, जिनका राज्य के सामाजिक ताने-बाने और विकास में बड़ा योगदान रहा है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।