Hazaribagh Elephant Attack : खेत में सोते किसान को हाथी ने पटककर मार डाला!
हजारीबाग में हाथियों के झुंड ने किसान की जान ली, वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल। जानें पूरी घटना और किसानों के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे!
Hazaribagh, January 2025: हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ हाथियों के एक झुंड ने एक किसान की जान ले ली। यह घटना बहेरी पंचायत के चानों गांव में रात के समय हुई। मृतक की पहचान 57 वर्षीय छोटू महतो के रूप में हुई है, जो सीजनल खेती करते थे। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है, और वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
घटना बहेरी पंचायत के चानों गांव की है, जहाँ छोटू महतो और उनकी पत्नी खेत में बने अपने घर में सो रहे थे। छोटू महतो का परिवार खेतों में ही रहता था, क्योंकि वे सीजनल खेती करते थे और रात को खेत में ही विश्राम करते थे। गुरुवार की रात करीब 12 बजे हाथियों का झुंड उनके खेत में घुस आया। हाथियों ने पहले खेत में बने उनके घर को तोड़ डाला। डर के मारे छोटू महतो भागने लगे, लेकिन एक हाथी ने उन्हें अपनी सूंड से पकड़कर जमीन पर पटक दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी किसी तरह दीवार के पीछे छिपकर अपनी जान बचाने में सफल रही।
गांव में दहशत और वन विभाग पर सवाल
ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों का यह झुंड पिछले एक हफ्ते से गांव में आतंक मचा रहा था। कई बार वन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पंचायत मुखिया पवन कुमार यादव ने बताया कि कई बार हाथियों के झुंड को भगाने और गांव से बाहर भेजने के लिए वन विभाग को सूचित किया गया, लेकिन विभाग की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए गए। इस कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ, और अब इस हमले में एक किसान की जान भी जा चुकी है।
किसानों की स्थिति और मुआवजे की मांग
गांव में ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही यह हादसा हुआ है। किसानों ने मांग की है कि वन विभाग को हाथियों को गांव से बाहर भेजने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, किसानों की फसलों के नुकसान और इस दुखद घटना के बाद मुआवजा भी दिया जाए। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी अब इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।
हाथी और मानव संघर्ष का इतिहास
भारत में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष एक पुरानी और लगातार बढ़ती समस्या बन चुकी है। जंगलों की कमी, मानव बस्तियों का विस्तार और हाथियों के प्राकृतिक आवासों का अवैध कब्जा, इन सभी कारणों से हाथियों का रुख गांवों और खेतों की ओर हो गया है। इन संघर्षों में किसानों, पशुपालकों और गांववासियों को नुकसान होता है, जबकि हाथियों की जान भी खतरे में पड़ जाती है।
हजारीबाग में घटित यह घटना यह दर्शाती है कि हमें इस समस्या से निपटने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। वन विभाग और प्रशासन को मिलकर इस संघर्ष को शांत करने के लिए न केवल हाथियों को उनके प्राकृतिक आवासों में सुरक्षित रखना चाहिए, बल्कि स्थानीय लोगों को भी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत
यह हादसा साफ तौर पर यह दर्शाता है कि वन विभाग को अपनी सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त करना चाहिए। वन विभाग को न केवल हाथियों के झुंड को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के उपायों पर काम करना चाहिए, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए। अब देखना यह है कि प्रशासन और वन विभाग इस घटना से सीखकर आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या इस तरह के हादसे भविष्य में रोके जा सकेंगे।
हजारीबाग में घटित यह हाथी हमला न केवल किसानों की सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है, बल्कि यह वन विभाग और प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश करता है। हाथियों और मानवों के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण इस तरह की घटनाओं का होना आम हो गया है। अब यह जरूरी है कि प्रशासन हाथियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने, स्थानीय लोगों की सुरक्षा और किसानों की फसलों को बचाने के लिए ठोस उपायों पर काम करे।
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