स्वर्णरेखा परियोजना में अभियंता दिवस की धूम: मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 163वीं जयंती पर श्रद्धांजलि
स्वर्णरेखा परियोजना में अभियंता दिवस मनाया गया। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 163वीं जयंती पर उनके योगदान को सराहा गया। जानें इस विशेष दिन की पूरी कहानी।
15 सितंबर, गालूडीह - रविवार को गालूडीह स्थित स्वर्णरेखा परियोजना के अभियंताओं ने भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 163वीं जयंती पर 57वां अभियंता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया। इस विशेष अवसर पर स्वर्णरेखा डैम के मुख्य गेट के समीप मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अध्यक्ष अभियंता हेमंत कुमार रोहाणी, कार्यपालक अभियंता संतोष और अन्य जूनियर इंजीनियरों ने मिलकर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की मूर्ति पर फूल-माला चढ़ाई। इस दौरान अभियंताओं ने मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के व्यक्तित्व और उनके कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वेश्वरैया के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण और भारत के लिए वरदान बताया।
अध्यक्ष अभियंता हेमंत कुमार रोहाणी ने बताया कि मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को एक महान इंजीनियर का दर्जा प्राप्त है। उन्हें 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था। भारत सरकार ने 1968 में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि 15 सितंबर को अभियंता दिवस के रूप में घोषित किया था। तभी से हर साल इस दिन को अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर अभियंताओं ने एक दूसरे को अभियंता दिवस की शुभकामनाएं दी और उनके प्रेरणादायक योगदान को सराहा। इस प्रकार, स्वर्णरेखा परियोजना में अभियंता दिवस का आयोजन एक बार फिर इंजीनियरिंग के प्रति सम्मान और समर्पण को दर्शाता है।
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