East Singhbhum: बैलगाड़ी से गिरा किसान, पहिया के नीचे दबकर हुई दर्दनाक मौत!

ईस्ट सिंहभूम के बादलगोड़ा गांव में हुए दर्दनाक हादसे में किसान देवी हो की बैलगाड़ी के पहिये के नीचे दबकर मौत हो गई। जानें इस घटना की पूरी कहानी।

Jan 6, 2025 - 09:55
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East Singhbhum: बैलगाड़ी से गिरा किसान, पहिया के नीचे दबकर हुई दर्दनाक मौत!
East Singhbhum: बैलगाड़ी से गिरा किसान, पहिया के नीचे दबकर हुई दर्दनाक मौत!

East Singhbhum Tragedy: झारखंड के ईस्ट सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के बादलगोड़ा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। 48 वर्षीय किसान देवी हो की बैलगाड़ी से गिरकर मौत हो गई, जब वह धान लेकर घर लौट रहे थे। यह घटना रविवार की सुबह हुई, जिससे गांव में मातम पसर गया। देवी हो की अचानक हुई मौत ने उनके परिवार को तो झकझोर दिया ही, साथ ही यह घटना उस खतरनाक जर्जर सड़क की ओर इशारा करती है, जो अब तक प्रशासन की अनदेखी का शिकार है।

कैसे हुआ हादसा?
देवी हो बैलगाड़ी पर बोमरो से धान लादकर घर लौट रहे थे। रास्ते में खलिहान के पास मुख्य सड़क पर कई बड़े गड्ढे बने हुए थे, जो कभी भी किसी भी वाहन को असंतुलित कर सकते थे। बैलगाड़ी को रास्ते में मोड़ते समय देवी हो अचानक गड्ढे में फिसल गए और गिर पड़े। दुर्भाग्यवश, बैलगाड़ी का पहिया उनके सीने से होकर पार हो गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही बेहोश हो गए। जब तक परिवार के लोग उन्हें डुमरिया सीएचसी ले जाने की कोशिश करते, तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।

गांव में पसरा मातम
इस हादसे के बाद गांव में गहरा शोक और मातम फैल गया। देवी हो के बेटे सुना हो ने कहा कि उनके पिता और वह खुद बैलगाड़ी से धान लेकर घर लौट रहे थे, लेकिन अचानक हुआ यह हादसा पूरे परिवार की खुशियों को लूटकर चला गया। परिवार के सभी सदस्य इस दुःख की घड़ी में स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य सड़क के निर्माण कार्य की स्थिति बहुत खराब है, जिससे हादसे की संभावना हमेशा बनी रहती है।

क्या कहती है सड़क की हालत?
मुख्य सड़क के निर्माण कार्य में लगातार देरी होती रही है, जिसके कारण खलिहान तक पहुंचने वाली सड़क में गड्ढे बन गए हैं। यह स्थिति काफी खतरनाक हो गई है, और आए दिन यहां हादसे होते रहते हैं। प्रशासन की तरफ से इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि अब यहां कोई भी वाहन चलाना मुश्किल हो गया है, खासकर बैलगाड़ी जैसे साधनों के लिए।

देवी हो का अंतिम संस्कार
आखिरकार, इस दुखद घटना के बाद देवी हो का अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। इस दौरान गांव के सभी लोग शोक व्यक्त करने पहुंचे और मृतक के परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं साझा कीं। यह हादसा न केवल उनके परिवार के लिए एक गहरी चोट है, बल्कि पूरे गांव के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि खराब सड़कें कभी भी जानलेवा साबित हो सकती हैं।

इतिहास और सुरक्षा की ज़रूरत
झारखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में इस तरह की सड़क सुरक्षा समस्याएं आम हैं। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इन समस्याओं का समाधान शीघ्र करना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो। इतिहास में ऐसे कई हादसे हुए हैं, जिनमें जर्जर सड़कें या निर्माणाधीन सड़कें बड़ी वजह रही हैं। यह हादसा भी उन्हीं में से एक है, जिसमें प्रशासन की लापरवाही का बड़ा हाथ है।

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