Dhanbad Coal: कोयले का काला जाल टूटा! धनबाद में CISF की ऐतिहासिक छापेमारी, 2 दिनों में 190 टन अवैध कोयला जब्त, 3 लाख से ज्यादा की कीमत, कोयला चोरों में हड़कंप, धनबाद पुलिस पर उठे सवाल, क्या पुलिस की नाकेबंदी के नीचे से हो रहा था हजारों टन कोयले का अवैध धंधा?
झारखंड के धनबाद में CISF ने कोयला चोरी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए केंदुआडीह और तेतुलमारी क्षेत्रों में 2 दिनों में करीब 190 टन अवैध कोयला जब्त किया। इसकी कीमत 3 लाख रुपये से अधिक है। सीआईएसएफ की इस कार्रवाई के बाद धनबाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिसकी नाक के नीचे यह धंधा चल रहा था।
झारखंड के धनबाद को भारत की कोयला राजधानी कहा जाता है, लेकिन यह शहर सालों से कोयले के अवैध और काले कारोबार के लिए भी कुख्यात रहा है। इन दिनों जब यह अवैध धंधा जोरों पर चल रहा था, तब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने एक बड़ा अभियान चलाकर कोयला चोरों के नेटवर्क को गहरा झटका दिया है। सीआईएसएफ ने सिर्फ दो दिनों के अंदर शहर के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी कर करीब 190 टन अवैध कोयला जब्त किया है, जिसकी बाजार कीमत 3 लाख रुपये से अधिक आंकी जा रही है।
धनबाद में कोयला चोरी का इतिहास कई दशकों पुराना है। स्थानीय लोगों का एक बड़ा हिस्सा जीविकोपार्जन के नाम पर इस अवैध धंधे से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसके पीछे बड़ा माफिया भी काम करता है। इस तरह के अवैध डंप से न केवल बीसीसीएल (BCCL) को राजस्व का भारी नुकसान होता है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती है। सीआईएसएफ की यह कार्रवाई दिखाती है कि जल्द ही इस काले कारोबार पर लगाम लगाई जा सकती है।
केंदुआडीह में 125 टन कोयला जब्त: खुले मैदान में चल रहा था खेल
सीआईएसएफ ने कोयला चोरों को सबसे बड़ा झटका केंदुआडीह थाना अंतर्गत कुसुंडा क्षेत्र के गोधर काली बस्ती में दिया।
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सबसे बड़ी बरामदगी: यहां की छापेमारी में जवानों ने करीब 125 टन अवैध रूप से जमा किया गया कोयला जब्त किया। इस कोयले को स्थानीय लोग खुले मैदान में OCP, कोल डंप और ट्रांसपोर्टिंग वाहनों से एकत्र कर रहे थे।
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कार्रवाई: सीआईएसएफ ने जब्त कोयले को जेसीबी से हाइवा ट्रकों पर लोड कराकर बीसीसीएल के एनजीकेसी कोलियरी को सौंप दिया। गोधर कोल डंप में यह छापेमारी करीब दो घंटे तक चली।
तेतुलमारी में 24 घंटे में दोहरा हमला
कतरास क्षेत्र में तैनात सीआईएसएफ जवानों ने तेतुलमारी थाना क्षेत्र के पांडेडीह छह नम्बर के करीब भी कड़ी कार्रवाई की।
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दो बार छापेमारी: गुप्त सूचना के आधार पर सीआईएसएफ ने इस क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर दो बार छापेमारी की और करीब 65 टन अवैध कोयला जब्त किया। यह अवैध कोयला वेस्ट मोदीदिह एकीकृत केशलपुर कोलयरी अंतर्गत आउटसोर्सिंग कम्पनी की परियोजना के करीब जमा किया जा रहा था।
धनबाद पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
इस पूरी कार्रवाई के बाद धनबाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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लापरवाही का आरोप: स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कोयले का यह अवैध कारोबार धनबाद पुलिस की 'नाक के नीचे' से ही चलता रहा है। शहर के अलग-अलग इलाकों से हर दिन हजारों टन कोयले की तस्करी होने के बावजूद धनबाद पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही थी। सीआईएसएफ का एक्शन लेना इस लापरवाही को ज्यादा उजागर करता है।
धनसार कैंप के कंपनी कमांडर पारस यादव और पोस्ट कमांडर शंभु कुमार के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में सीआईएसएफ की क्यूआरटी टीम सहित बड़ी संख्या में जवान शामिल थे। इस छापेमारी ने कोयला चोरों और इस अवैध धंधे से जुड़े लोगों के बीच एक गहरा डर पैदा कर दिया है।
आपकी राय में, धनबाद में कोयले की अवैध चोरी को पूरी तरह से रोकने और स्थानीय पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए राज्य सरकार और बीसीसीएल को कौन से दो सबसे अनिवार्य और सख्त कदम उठाने चाहिए?
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