Chaibasa Killing Mystery: जंगल में फेंकी गई थी युवक की लाश, तीन हत्यारे हथियारों के साथ गिरफ्तार
चाईबासा के गोइलकेरा में हुई सनसनीखेज हत्या की गुत्थी आरक्षी दल ने सुलझा ली है। आपसी रंजिश में हुए इस खूनी खेल का सच जानकर हर कोई दंग है। आरक्षी दल ने साक्ष्यों के साथ हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी यहाँ उपलब्ध है।
चाईबासा, 18 दिसंबर 2025 – पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में सनसनी फैलाने वाले हत्याकांड का आरक्षी प्रशासन ने पर्दाफाश कर दिया है। कोटरोबेरा और पोखना के बीच मिले एक अज्ञात शव की गुत्थी ने प्रारंभ में पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया था। किन्तु, प्रशासन की त्वरित कार्यवाही और बारीक जांच ने यह सिद्ध कर दिया कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, वह कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता। इस मामले में परम मित्रों के भेष में छिपे आस्तीन के सांपों ने ही एक युवक की जीवन लीला समाप्त कर दी थी।
शव की पहचान और आरक्षी अधीक्षक की सक्रियता
जंगल के भीतर पड़े हुए क्षत-विक्षत शव की शिनाख्त जब करीनाथ लुगुन के रूप में हुई, तो पूरे साटो सालुखा गांव में मातम पसर गया। मृतक करीनाथ एक साधारण युवक था, किन्तु उसकी नृशंस हत्या ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। घटना की विभीषिका को देखते हुए आरक्षी अधीक्षक ने तत्काल चक्रधरपुर अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया।
आरक्षी दल ने वैज्ञानिक साक्ष्यों और स्थानीय गुप्तचरों की मदद से अनुसंधान प्रारंभ किया। जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि करीनाथ को अंतिम बार उसके ही गांव के कुछ युवकों के साथ देखा गया था। यहीं से इस अंधेरे कांड में प्रकाश की पहली किरण दिखाई दी।
कोल्हान का इतिहास और पारस्परिक विवाद
पश्चिम सिंहभूम का यह कोल्हान क्षेत्र अपने घने जंगलों और समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए विश्वविख्यात है। इतिहास गवाह है कि यहाँ के निवासी अत्यंत सरल और ईमानदार होते हैं, किन्तु कभी-कभी पारस्परिक विवाद और गलतफहमियां खूनी संघर्ष का रूप ले लेती हैं। अतीत में भी इस क्षेत्र ने जमीन और सम्मान से जुड़े कई विवादों को देखा है। करीनाथ की हत्या भी इसी प्रकार के एक गहरे आपसी मनमुटाव का परिणाम निकली, जहाँ संवाद के स्थान पर हिंसा को चुना गया।
खूनी खेल का खुलासा: कैसे हुई हत्या?
पकड़े गए अभियुक्तों – गोमिया होनहागा, सिधियन लुगुन और पोलुस मानकी ने आरक्षी दल के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि मृतक के साथ उनका किसी बात को लेकर तीखा विवाद हुआ था। प्रतिशोध की ज्वाला में जलते हुए इन तीनों ने मिलकर करीनाथ को एकांत में बुलाया और धारदार हथियारों से उस पर प्राणघातक हमला कर दिया।
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साक्ष्यों की बरामदगी: हत्यारों की निशानदेही पर आरक्षी दल ने हत्या में प्रयुक्त दो लोहे की दावली (धारदार हथियार) और वह दुपहिया गाड़ी भी बरामद कर ली है, जिसका उपयोग शव को जंगल में फेंकने के लिए किया गया था।
| विवरण | जानकारी |
| मृतक का नाम | करीनाथ लुगुन |
| गिरफ्तार अभियुक्त | 03 (गोमिया, सिधियन, पोलुस) |
| बरामद हथियार | 02 लोहे की दावली |
| मुख्य कारण | आपसी विवाद |
सामाजिक चेतावनी और न्यायिक प्रक्रिया
आरक्षी प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाएं पूर्ण करने के पश्चात तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस सफल कार्यवाही से जहाँ एक ओर मृतक के परिजनों को न्याय की उम्मीद जगी है, वहीं दूसरी ओर समाज में एक कड़ा संदेश गया है कि अपराध का अंत सदा भयावह होता है।
गोइलकेरा के ग्रामीणों ने प्रशासन की इस मुस्तैदी की प्रशंसा की है। यह घटना याद दिलाती है कि क्रोध के क्षणिक आवेश में लिया गया निर्णय न केवल एक जीवन नष्ट करता है, बल्कि कई परिवारों को विनाश के गर्त में धकेल देता है।
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