जमशेदपुर के बड़ाखूर्शी गांव में प्रेमी संजीव महतो की प्रेमिका से छुपकर मिलने पर ग्रामीणों ने पकड़ा, पंचायत ने कराई शादी।

जमशेदपुर के बड़ाखूर्शी गांव में प्रेमी संजीव महतो की प्रेमिका से छुपकर मिलने पर ग्रामीणों ने पकड़ा, पंचायत ने कराई शादी।

Jun 24, 2024 - 21:50
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जमशेदपुर के बड़ाखूर्शी गांव में प्रेमी संजीव महतो की प्रेमिका से छुपकर मिलने पर ग्रामीणों ने पकड़ा, पंचायत ने कराई शादी।

जमशेदपुर के गालूडीह थाना अंतर्गत बड़ाखूर्शी गांव में एक विचित्र घटना घटी, जहाँ प्रेमी संजीव महतो को अपनी प्रेमिका अंजना महतो से छुपकर मिलना भारी पड़ गया। धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र के खुकड़ाखुपी गांव निवासी संजीव महतो का पिछले एक साल से विधवा अंजना महतो से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। अंजना महतो के पति गंगाधर महतो की कुछ वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जिससे वह विधवा हो गई थी। अंजना की एक छह साल की बेटी भी है।

               रविवार की देर रात संजीव महतो चोरी-छुपे अपनी प्रेमिका से मिलने बड़ाखूर्शी गांव पहुंचा था। जब वह अपनी प्रेमिका के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया, तो ग्रामीणों ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। ग्रामीणों का कहना था कि यह संबंध पहले से ही संदिग्ध था और उन्हें इसका अनुमान था।

                 अगले दिन, सोमवार शाम को ग्राम प्रधान विष्णुपद महतो की अध्यक्षता में एक पंचायत बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुखिया हरिपद सिंह, पंचायत समिति सदस्य रतन महतो, सांसद प्रतिनिधि राजाराम महतो, समाजसेवी सृष्टिधर महतो, भवानी गोप, अभिजीत महतो, प्रेमी संजीव महतो के पिता चुनुराम महतो और विधवा प्रेमिका अंजना महतो के ससुर वीरेंद्र महतो सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।

               पंचायत में बैठक के दौरान ग्रामीणों ने तय किया कि दोनों की शादी कराई जाए। यह निर्णय सामाजिक मर्यादा और सम्मान की रक्षा के लिए लिया गया। दोनों परिवारों की सहमति के बाद ग्रामीणों की मौजूदगी में तुरंत शादी का आयोजन किया गया।

              इस घटना पर दोनों परिवारों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ रही। संजीव महतो के पिता चुनुराम महतो और अंजना महतो के ससुर वीरेंद्र महतो ने इस निर्णय को स्वीकार किया और समाज की मर्यादा बनाए रखने के लिए इसे सही ठहराया। वहीं, कुछ ग्रामीणों का मानना था कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया।

              शादी की प्रक्रिया पूरी तरह से ग्रामीणों की देखरेख में हुई। परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए संजीव और अंजना की शादी संपन्न कराई गई। इस मौके पर गांव के प्रमुख लोग और परिवार के सदस्य उपस्थित थे। शादी के बाद, दोनों को आशीर्वाद दिया गया और उनके नए जीवन की शुभकामनाएं दी गईं। इस घटना ने कई सामाजिक और कानूनी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रेम-संबंधों को लेकर ग्रामीणों की त्वरित प्रतिक्रिया और पंचायत के निर्णय ने यह साफ कर दिया कि समाज में आज भी पारंपरिक मान्यताओं का दबदबा है। कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।