Saraikela Raid: खनन विभाग की छापेमारी में 17,500 CFT अवैध बालू जब्त!
सरायकेला-खरसावां जिले में खनन विभाग की बड़ी कार्रवाई! औचक निरीक्षण के बाद ईचागढ़ थाना क्षेत्र में 17,500 CFT अवैध बालू जब्त, जानिए पूरी खबर।

झारखंड में अवैध खनन एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और प्रशासन इस पर लगातार शिकंजा कसने में जुटा है। इसी कड़ी में सरायकेला-खरसावां जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सत्पथी के नेतृत्व में खनन विभाग की टीम ने बीती रात छापेमारी अभियान चलाया।
सबसे पहले कांड्रा-चौका मार्ग पर खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच की गई, जहां सभी कागजात सही पाए गए।
लेकिन असली कार्रवाई तड़के सुबह 3:30 बजे हुई, जब ईचागढ़ थाना अंतर्गत वीरडीह नदी घाट पर बड़ी छापेमारी हुई।
इस दौरान 17,500 CFT अवैध रूप से जमा किया गया बालू जब्त कर लिया गया!
अब सवाल उठता है कि आखिर यह अवैध खनन हो कैसे रहा था? क्या इसमें किसी बड़े रैकेट का हाथ है? और प्रशासन इस पर आगे क्या कार्रवाई करने जा रहा है? आइए जानते हैं पूरी कहानी!
कांड्रा-चौका मार्ग पर क्यों हुई जांच?
खनन विभाग की टीम ने सबसे पहले कांड्रा-चौका मार्ग पर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई आयरन एवं बालू लदे वाहनों की कागजातों की जांच की गई, लेकिन किसी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई।
यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि झारखंड में खनिज संपदा की तस्करी एक आम समस्या बन चुकी है। प्रशासन को अक्सर यह शिकायतें मिलती हैं कि कई ट्रक फर्जी कागजातों के जरिए अवैध खनिज परिवहन करते हैं। हालांकि, इस बार वाहनों के कागजात सही पाए गए, जिससे अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया!
वीरडीह नदी घाट पर तड़के 3:30 बजे छापा, 17,500 CFT बालू जब्त!
जैसे ही टीम ने अपनी जांच पूरी की, उन्हें एक गुप्त सूचना मिली कि ईचागढ़ थाना क्षेत्र के वीरडीह नदी घाट पर अवैध रूप से बालू का भंडारण किया जा रहा है।
इसके तुरंत बाद टीम ने सुबह 3:30 बजे छापेमारी की और मौके से 17,500 CFT बालू जब्त कर लिया।
यह बालू नदी से निकालकर अवैध रूप से जमा किया गया था।
इसका इस्तेमाल बिना सरकारी अनुमति के निर्माण कार्यों और बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने के लिए किया जा रहा था।
खनन विभाग अब यह जांच कर रहा है कि इस अवैध खनन के पीछे कौन लोग शामिल हैं और इसमें किन व्यापारियों या स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है!
झारखंड में अवैध खनन का इतिहास
झारखंड खनिज संपदा से भरपूर राज्य है, लेकिन यही इसकी सबसे बड़ी समस्या भी बन गई है।
राज्य में लोहा, कोयला, बालू और पत्थर का अवैध खनन बड़े पैमाने पर होता है।
सरायकेला-खरसावां जिला भी अवैध खनन के हॉटस्पॉट में से एक है, जहां कई नदी घाटों से अवैध रूप से खनिज निकाले जाते हैं।
इससे सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान होता है और पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचती है।
यह पहली बार नहीं है जब खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सत्पथी ने इस तरह की कार्रवाई की हो। वे पहले भी कई अवैध खनन माफियाओं पर शिकंजा कस चुके हैं।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
जब्त किए गए 17,500 CFT बालू को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा और इसे नीलामी के जरिए बेचा जा सकता है।
जांच जारी है कि इस अवैध खनन के पीछे कौन लोग शामिल थे और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन अब झारखंड के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की औचक छापेमारी करने की योजना बना रहा है, ताकि अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
अवैध खनन से क्या नुकसान होता है?
सरकारी राजस्व को भारी नुकसान – अवैध खनन से राज्य को करोड़ों रुपये की हानि होती है।
पर्यावरण को गंभीर खतरा – बालू खनन से नदियों का जलस्तर घटता है, भूमि कटाव बढ़ता है और पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ता है।
स्थानीय लोगों पर असर – अवैध खनन से कई गांवों में जल संकट उत्पन्न हो जाता है और उनकी आजीविका प्रभावित होती है।
क्या अवैध खनन पर लगेगी रोक?
सरायकेला में खनन विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई!
कांड्रा-चौका मार्ग पर वाहनों की जांच, लेकिन सब कुछ सही मिला!
सुबह 3:30 बजे वीरडीह नदी घाट पर छापेमारी, 17,500 CFT बालू जब्त!
खनन माफियाओं पर बड़ा शिकंजा कसने की तैयारी!
अब देखना यह है कि क्या यह कार्रवाई खनन माफियाओं के लिए चेतावनी साबित होगी या फिर आने वाले दिनों में प्रशासन को और सख्त कदम उठाने होंगे?
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