Kolhan Crisis: सरकारी कॉलेजों में B.Ed कोर्स पर संकट, शिक्षकों को 6 महीने से नहीं मिला वेतन!
कोल्हान विश्वविद्यालय के सरकारी कॉलेजों में B.Ed कोर्स पर संकट, शिक्षकों को 6 महीने से वेतन नहीं मिला। जानें, क्या सरकार इस समस्या का हल निकालेगी?

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय से जुड़े सरकारी महाविद्यालयों में चल रहे B.Ed कोर्स पर गंभीर संकट मंडरा रहा है! शिक्षकों को 9 महीने से सेवा विस्तार नहीं मिला और 6 महीने से वेतन भी रुका हुआ है। इस आर्थिक तंगी के कारण वे मानसिक रूप से परेशान हैं। डॉ. विशेश्वर यादव ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं मिला, तो कोल्हान क्षेत्र में B.Ed कोर्स पूरी तरह से बंद हो सकता है!
शिक्षकों की हालत दयनीय, होली भी बेरंग!
मार्च का महीना है और होली जैसे बड़े त्योहार पर भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिला। इससे करीब 57,700 रुपये मासिक वेतन पाने वाले शिक्षकों को सिर्फ 37,800 रुपये ही मिल रहे हैं। झारखंड में अलग-अलग विश्वविद्यालयों में B.Ed शिक्षकों को अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है, जिससे असमानता की स्थिति बन गई है।
क्या B.Ed कोर्स हो जाएगा बंद?
झारखंड में NCTE, नई दिल्ली की 360वीं मीटिंग में साहिबगंज कॉलेज और गोड्डा कॉलेज से B.Ed कोर्स हटाने का फैसला लिया गया। ये दोनों कॉलेज सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के अंतर्गत आते हैं। सवाल उठता है कि क्या कोल्हान विश्वविद्यालय के सरकारी महाविद्यालयों में भी यही स्थिति होगी?
सेवा विस्तार नहीं होने से शिक्षक भविष्य को लेकर असमंजस में!
वेतन न मिलने के कारण कई शिक्षक मानसिक तनाव में!
अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो B.Ed कोर्स पूरी तरह बंद हो सकता है!
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल!
भारत में B.Ed कोर्स की शुरुआत 1947 के बाद तेजी से हुई। इसे शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनिवार्य किया गया। लेकिन आज, सरकारी महाविद्यालयों में शिक्षकों की आर्थिक और प्रशासनिक अनदेखी से यह कोर्स खुद संकट में है।
एक समय था जब सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षक बनना एक सम्मानजनक और स्थायी करियर माना जाता था, लेकिन अब वेतन असमानता, सेवा विस्तार की अनिश्चितता और सरकार की उदासीनता से शिक्षकों का भविष्य खतरे में है।
विधायक और सांसद से गुहार!
इस मामले को झारखंड विधानसभा में भी उठाया गया है। विधायक समीर मोहंती ने इसे गंभीरता से लिया है और अन्य विधायकों एवं सांसदों से इस पर संज्ञान लेने की अपील की है।
क्या सरकार शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकालेगी?
क्या कोल्हान विश्वविद्यालय के सरकारी कॉलेजों में B.Ed कोर्स बच पाएगा?
क्या शिक्षकों को उनका उचित वेतन मिलेगा?
शिक्षकों की समस्याएं सिर्फ उनकी व्यक्तिगत परेशानी नहीं, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था का मुद्दा है। यदि जल्द समाधान नहीं मिला, तो आने वाले समय में कोल्हान क्षेत्र में B.Ed कोर्स पूरी तरह से बंद हो सकता है, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा।
अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस संकट का समाधान निकालने के लिए क्या कदम उठाते हैं। आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय दें!
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