Jharkhand Voting Update: झारखंड दूसरे चरण का अनुमानित मतदान आंकड़ा 67.59% तक पहुंचा! जानिए किस क्षेत्र ने मारी बाजी
झारखंड के दूसरे चरण के मतदान में 67.59% मतदान दर्ज किया गया है। जानें, किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा और किस क्षेत्र में सबसे कम मतदान हुआ। अपडेट और विश्लेषण यहां पढ़ें।
20 नवम्बर 2024: झारखंड विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण का मतदान इस बार बेहद दिलचस्प रहा। 20 नवंबर, 2024 को हुए मतदान में राज्यभर से मिले आंकड़ों के मुताबिक, कुल मतदान प्रतिशत 67.59% दर्ज किया गया है, जो पिछले चुनावों की तुलना में एक संतोषजनक आंकड़ा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस आंकड़े के बीच कौन से क्षेत्र सबसे आगे रहे और कौन से पीछे? आइए, जानते हैं कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कितने प्रतिशत वोट पड़े और किस क्षेत्र ने सबसे अधिक सक्रियता दिखाई!
वोटिंग प्रतिशत में यह क्षेत्र रहे सबसे आगे:
इस चुनाव में कुछ ऐसे क्षेत्र रहे जहां वोटिंग का प्रतिशत काफी ऊंचा रहा, जिससे यह साबित हुआ कि वहां के लोग लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को लेकर काफी जागरूक हैं।
- महेशपुर (79.40%): इस बार महेशपुर विधानसभा क्षेत्र ने सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत दर्ज किया। यहां के लोगों ने अपने मतदान अधिकार का पूरी तरह से इस्तेमाल किया और लोकतंत्र को मजबूती दी।
- नाला (78.72%): दूसरे स्थान पर नाला क्षेत्र रहा, जहां भी लोगों ने बड़ी संख्या में मतदान किया।
- मधुपुर (75.72%): इस क्षेत्र में भी जबरदस्त मतदान हुआ, जो कि राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
इन क्षेत्रों में दिखी कम मतदान की स्थिति:
हालांकि कुछ क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम था, लेकिन ये आंकड़े भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये दर्शाते हैं कि किस क्षेत्र में और किस वजह से कम मतदान हुआ।
- बोकारो (50.52%): बोकारो में इस बार मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा। क्या यह कार्यकर्ता की कमी, या फिर इलाके में जागरूकता की कमी थी? यह सवाल उठता है।
- धनबाद (52.31%): धनबाद में भी मतदान प्रतिशत अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम देखा गया।
- झरिया (55.23%): झरिया में वोटिंग प्रतिशत कम होने का एक कारण राजनीतिक संघर्षों को भी माना जा सकता है, जो यहां के कुछ इलाकों में देखने को मिले।
अधिकतम मतदान के क्षेत्र:
वोटिंग प्रतिशत में कुछ विधानसभा क्षेत्रों ने बाकी सभी को पछाड़ दिया है, जिनमें जामताड़ा (74.21%), चांदनकियारी (72.13%), और सिल्ली (76.70%) शामिल हैं। ये आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि लोग इन क्षेत्रों में लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को लेकर काफी जागरूक हैं और उन्होंने चुनाव के दिन अपना वोट डाला।
कुछ ऐतिहासिक पहलू:
झारखंड राज्य का इतिहास मतदान प्रक्रिया के लिहाज से काफी दिलचस्प रहा है। यहाँ 2000 में जब राज्य का गठन हुआ, तब से ही चुनावों में जनता की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती जागरूकता और सरकारी योजनाओं के असर से मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखने को मिली है।
अगर हम पुराने चुनावों की बात करें तो 2014 और 2019 में भी मतदान प्रतिशत में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली थी, लेकिन इस बार की तुलना में इन चरणों में भी मतदान का प्रतिशत अधिक नहीं था। झारखंड में चुनावों के दौरान आंतरिक स्थिति, राजनीतिक दलों के प्रचार, और लोगों की चुनावी जागरूकता में बदलाव की वजह से मतदान का प्रतिशत बदलता रहता है।
क्या है इस मतदान का महत्व?
इस मतदान का आंकड़ा केवल प्रतिशत को दर्शाने का काम नहीं करता, बल्कि यह झारखंड की राजनीति और राज्य के विकास के लिए भी बेहद अहम है। चुनावों में बढ़ी हुई वोटिंग प्रतिशत यह साबित करती है कि राज्य के लोग लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को लेकर जागरूक हो रहे हैं। यह किसी भी सरकार के लिए एक सकारात्मक संकेत होता है क्योंकि यह दर्शाता है कि जनता का विश्वास मजबूत हो रहा है।
क्या है आगे की राह?
अब, जब दूसरे चरण का मतदान समाप्त हो चुका है, सभी की नजर तीसरे और अंतिम चरण पर है। क्या इन आंकड़ों का असर अगले चरणों पर भी पड़ेगा? क्या आगामी मतदान में लोग उतनी ही जागरूकता दिखाएंगे? यह देखना अब और भी रोचक होगा।
इस बार के चुनावों में झारखंड के नागरिकों की यह सक्रियता निश्चित रूप से इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली है।
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