Jamshedpur Health: पटमदा में डायरिया का कहर, तालाब का पानी बना बीमारी का कारण
जमशेदपुर के पटमदा में डायरिया का प्रकोप। आधा दर्जन से ज्यादा लोग बीमार। खराब जलमीनार और गंदे तालाब से हो रही समस्या। जानें क्या कर रहा है स्वास्थ्य विभाग।
जमशेदपुर: पटमदा के शुक्ला सबर गांव में डायरिया का प्रकोप चिंता का कारण बन गया है। आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। बुधवार को सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जांच में पता चला कि गांव के लोग गंदे तालाब का पानी पीने को मजबूर हैं, जो बीमारी फैलने की मुख्य वजह बन रही है।
पांच मरीज अस्पताल में भर्ती
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के बाद पाया कि कई लोग डायरिया से पीड़ित हैं। इनमें से पांच गंभीर मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पटमदा में भर्ती कराया गया है। वहीं, हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज उनके घर पर ही किया जा रहा है।
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने बताया कि मरीजों की हालत पर नजर रखी जा रही है और उन्हें साफ पानी पीने की सलाह दी गई है।
गांव में पानी की समस्या गंभीर
जांच के दौरान यह सामने आया कि गांव में पानी की स्थिति बेहद खराब है:
- गांव का जलमीनार खराब पड़ा है, जिससे पानी की आपूर्ति नहीं हो रही।
- दो चापाकलों में से एक खराब है और दूसरे का पानी पीने योग्य नहीं है।
- लोग मजबूरी में तालाब का पानी पी रहे हैं, जो गंदा और संक्रमित है।
तालाब और चापाकल के पानी के नमूने लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।
गांववालों को दी गई सलाह
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को स्वच्छता बनाए रखने और पानी उबालकर पीने की सलाह दी।
- साफ-सफाई का महत्व समझाया गया।
- संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया गया।
टीम में जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद, सुशील तिवारी और सहिया शामिल थे, जिन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई।
इतिहास में पहले भी फैला था डायरिया
पटमदा में डायरिया का यह पहला मामला नहीं है।
- 26 अक्टूबर को इसी क्षेत्र के काशीडीह गांव में डायरिया फैला था, जहां 12 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे।
- उस समय भी पानी की खराब गुणवत्ता को डायरिया का मुख्य कारण माना गया था।
तालाब का गंदा पानी बना खतरा
शुक्ला सबर गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पानी की उचित व्यवस्था न होने के कारण वे तालाब का पानी पीने पर मजबूर हैं। तालाब का यह पानी स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और संक्रमण फैलने का मुख्य कारण बन रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की चुनौती
पटमदा में बार-बार डायरिया फैलने की घटनाएं स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि
- जल स्रोतों की गुणवत्ता को सुधारना और
- ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए।
आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?
डॉ. असद ने बताया कि:
- पानी की गुणवत्ता जांचने के बाद जलमीनार और चापाकलों की मरम्मत कराई जाएगी।
- ग्रामीणों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
- बीमारी पर काबू पाने के लिए टीम नियमित निगरानी करेगी।
डायरिया से बचने के टिप्स
- हमेशा उबालकर पानी पीएं।
- आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- खाने-पीने की चीजों को ढककर रखें।
- यदि लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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