Jamshedpur Mystery: दो महीने के बच्चे की संदिग्ध मौत से हड़कंप, वैक्सीन पर उठे सवाल!
जमशेदपुर में दो महीने के मासूम की रहस्यमयी मौत से हड़कंप, परिजनों ने वैक्सीन पर उठाए सवाल। जांच के आदेश जारी, जानें पूरा मामला।

जमशेदपुर: मुसाबनी प्रखंड के तेरंगा गांव के लड़काडीह टोला में दो माह के मासूम ईशान हो की अचानक मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है। परिजनों का दावा है कि 5 मार्च को टीका लगने के बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, और आखिरकार गुरुवार रात अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है, और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
क्या वैक्सीन बनी मासूम की मौत की वजह?
परिजनों का कहना है कि ईशान पहले से हल्के बुखार से पीड़ित था और उसका इलाज चल रहा था। लेकिन 5 मार्च को पुरनापानी आंगनबाड़ी केंद्र में उसे टीका लगाया गया, जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी। गुरुवार रात उसे घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, जांच की उठी मांग
इस दुखद घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और परिवारवालों ने केंदाडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचकर विरोध जताया। उनका आरोप है कि बच्चे को ओवरडोज टीका दिया गया, जिससे उसकी जान चली गई। परिजनों ने प्रशासन से मामले की गहराई से जांच करने की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई और डॉक्टरों की रिपोर्ट
इस मामले को लेकर एसडीओ ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, टीका लगाने वाली स्वास्थ्य टीम ने गांव में जाकर अन्य बच्चों की जांच की और पाया कि 5 मार्च को टीका लगवाने वाले बाकी सभी बच्चे स्वस्थ हैं। इसके बाद मासूम के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया।
वैक्सीन से मौत का इतिहास – क्या सच में टीकाकरण हो सकता है घातक?
ऐसे मामलों में अक्सर टीकाकरण को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सही प्रक्रिया अपनाने पर वैक्सीन सुरक्षित होती है। हालांकि, कई बार दवाओं की प्रतिक्रिया, बच्चों की शारीरिक स्थिति और अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अब सवाल ये उठता है:
- क्या सच में वैक्सीन की वजह से मासूम की जान गई?
- या फिर यह किसी अन्य कारण से हुई एक दुखद दुर्घटना थी?
- क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
फिलहाल प्रशासन मामले की जांच में जुटा है और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन इस घटना ने टीकाकरण की सुरक्षा को लेकर एक नई बहस जरूर छेड़ दी है।
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