Chaibasa Arrest: हथियारों का जखीरा, डकैती के बाद बड़ा खुलासा, जमशेदपुर के करण ने बड़ाजामदा में फैलाई दहशत
पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने बड़ाजामदा डकैती कांड में एक और बड़ी सफलता हासिल की है जहाँ जमशेदपुर के बिरसानगर निवासी करण कुमार महतो को हथियारों की खेप के साथ बस स्टैंड से दबोचा गया है। डकैती में इस्तेमाल होने वाले देसी कट्टे और कारतूसों की इस तस्करी और जेल में बंद अपराधियों के इस खतरनाक नेटवर्क की पूरी सच्चाई यहाँ देखें।
चाईबासा/गुवा, 19 दिसंबर 2025 – पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने जरायम की दुनिया के खिलाफ एक और निर्णायक प्रहार किया है। गुवा थाना क्षेत्र के बड़ाजामदा बस स्टैंड पर पुलिस ने फिल्मी अंदाज में घेराबंदी कर जमशेदपुर के एक युवक को अवैध हथियारों की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी केवल एक अवैध हथियार का मामला नहीं है, बल्कि यह अक्टूबर माह में बड़ाजामदा में हुई सनसनीखेज डकैती की कड़ियों को आपस में जोड़ती है। पुलिस की इस मुस्तैदी ने साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून के लंबे हाथ उन तक पहुँच ही जाते हैं।
इतिहास: बड़ाजामदा का सामरिक महत्व और अपराध का ग्राफ
बड़ाजामदा, जो झारखंड और ओडिशा की सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण खनन केंद्र है, लंबे समय से अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अपराधियों के निशाने पर रहा है। 1980 और 90 के दशक में यहाँ नक्सली गतिविधियों के साथ-साथ गिरोहबंदी का भी इतिहास रहा है। चूँकि यह इलाका जंगलों और सीमाओं से घिरा है, इसलिए अपराधी यहाँ वारदातों को अंजाम देकर सुरक्षित भागने की ताक में रहते हैं। अक्टूबर में अनिल चौरसिया के घर हुई डकैती ने स्थानीय लोगों में खौफ पैदा कर दिया था, लेकिन पुलिस की हालिया कार्रवाइयों ने अब सुरक्षा का भरोसा फिर से जगाया है।
बस स्टैंड पर पुलिस की 'सर्जिकल स्ट्राइक'
चाईबासा एसपी ने इस पूरे ऑपरेशन का खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें सटीक खुफिया जानकारी मिली थी कि जमशेदपुर से एक युवक हथियारों की सप्लाई देने बड़ाजामदा पहुँचने वाला है।
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घेराबंदी और धर-पकड़: पुलिस की विशेष टीम ने बड़ाजामदा बस स्टैंड पर सादे लिबास में जाल बिछाया। जैसे ही जमशेदपुर के बिरसानगर (रघुवर नगर) निवासी करण कुमार महतो (24 वर्ष) बस से उतरा, पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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बरामदगी: तलाशी लेने पर करण के पास से एक घातक देसी कट्टा, पिस्तौल, मैगजीन, जिंदा कारतूस और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।
चाचा-भतीजे का 'क्राइम सिंडिकेट'
इस गिरफ्तारी की सबसे चौंकाने वाली कड़ी करण का पारिवारिक आपराधिक इतिहास है। जांच में पता चला कि करण महतो कोई और नहीं, बल्कि वर्तमान में डकैती कांड में जेल में बंद दीपक महतो का सगा भतीजा है।
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हथियारों की सप्लाई: जेल में बंद दीपक महतो के इशारे पर ही करण जमशेदपुर से डकैती में प्रयुक्त होने वाले हथियारों की खेप लेकर आया था।
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वांछित अपराधी से कनेक्शन: ये हथियार बड़ाजामदा के कुख्यात और वांछित अपराधी राजू लोहरा को सौंपे जाने थे। राजू लोहरा डकैती कांड का मुख्य फरार आरोपी है जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
पुलिस डायरी: बरामदगी और कार्रवाई का विवरण
| बरामद सामान | संख्या/विवरण |
| हथियार | 01 देसी कट्टा, 01 पिस्तौल |
| एक्सेसरीज | 01 मैगजीन |
| गोला-बारूद | जिंदा कारतूस |
| डिजिटल साक्ष्य | 01 मोबाइल फोन |
| आरोपी का पता | रघुवर नगर, बिरसानगर (जमशेदपुर) |
नेटवर्क का भंडाफोड़: अब राजू लोहरा की बारी
अक्टूबर माह में अनिल चौरसिया के घर हुई डकैती में पहले ही पाँच अपराधी सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं। करण की गिरफ्तारी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि जेल में बंद होने के बावजूद अपराधी अपने गुर्गों के जरिए बाहर हथियारों का खेल खेल रहे हैं। पुलिस अब करण के मोबाइल रिकॉर्ड्स को खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जमशेदपुर में इस 'आर्म्स फैक्ट्री' या सप्लायर का असली मालिक कौन है।
अपराधियों के लिए अंतिम चेतावनी
गुवा पुलिस की इस सफलता ने साफ कर दिया है कि जमशेदपुर से लेकर बड़ाजामदा तक अपराधियों के हर तार को काटा जा रहा है। करण महतो को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और अब पुलिस का अगला निशाना राजू लोहरा है। पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने स्पष्ट किया है कि खौफ का कारोबार करने वालों के लिए अब जेल ही एकमात्र ठिकाना है।
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