Bokaro Building Collapse: लाल फ्लैट में गिरा छज्जा, बुजुर्ग की दर्दनाक मौत!
झारखंड के बोकारो जिले में लाल फ्लैट का जर्जर छज्जा गिरने से बुजुर्ग की मौत हो गई! प्रशासन पर उठे सवाल, जानिए पूरा मामला।

गोमिया: झारखंड के बोकारो जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब जर्जर घोषित लाल फ्लैट में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। गुरुवार को गोमिया स्थित झारखंड आवास बोर्ड के लाल फ्लैट में सीढ़ी का छज्जा गिरने से 65 वर्षीय काशीनाथ शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए।
हालत नाजुक देख उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रांची रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया और प्रशासन पर सवाल उठने लगे।
रिश्तेदार से मिलने आए थे, लेकिन मौत ले गई साथ!
मिली जानकारी के अनुसार, काशीनाथ शर्मा लाल फ्लैट में अपने एक रिश्तेदार से मिलने आए थे।
- उन्होंने रिश्तेदार के साथ बैठकर चाय पी और फिर सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे।
- अचानक ऊपर का छज्जा भरभराकर गिर पड़ा और वह बुरी तरह घायल हो गए।
- स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
‘मौत का जर्जर फ्लैट’, जहां रहने से रोका गया, फिर भी लोग रह रहे!
इस घटना के बाद गोमिया के बीडीओ महादेव महतो और सीओ आफताब आलम मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
- अधिकारियों ने बताया कि झारखंड आवास बोर्ड ने लाल फ्लैट को पूरी तरह 'कंडम' घोषित कर दिया था।
- यहां रहना प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी कुछ लोग चोरी-छिपे इन फ्लैटों में रह रहे हैं।
क्यों बन गए ये लाल फ्लैट 'मौत के जाल'?
झारखंड में कई सरकारी कॉलोनियां अब खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी हैं।
- 1980-90 के दशक में बने ये फ्लैट अब अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं।
- रखरखाव की कमी और सरकारी लापरवाही के कारण ये इमारतें अब जानलेवा साबित हो रही हैं।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसे हादसे फिर हो सकते हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे!
गोमिया में यह पहली बार नहीं है जब जर्जर भवनों ने किसी की जान ली हो।
- 2021 में बोकारो के सेक्टर-4 में एक पुरानी इमारत की दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2019 में धनबाद में एक सरकारी क्वार्टर गिरने से पूरा परिवार मलबे में दब गया था।
- अब लाल फ्लैट की यह घटना फिर से सरकारी लापरवाही को उजागर कर रही है।
प्रशासन पर उठे सवाल, लेकिन क्या कोई कार्रवाई होगी?
लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने पहले ही लाल फ्लैट को पूरी तरह खाली करा दिया होता, तो यह हादसा टल सकता था।
अब प्रशासन की ओर से यह कहा जा रहा है कि झारखंड राज्य आवास बोर्ड से संपर्क किया जा रहा है और जल्द इन खतरनाक फ्लैटों को पूरी तरह खाली कराया जाएगा।
क्या जर्जर इमारतों में रहना बन जाएगा मौत को बुलावा?
पुरानी सरकारी कॉलोनियों की तुरंत मरम्मत या ध्वस्त किया जाना चाहिए।
जो लोग यहां अवैध रूप से रह रहे हैं, उन्हें सुरक्षित जगहों पर बसाया जाए।
सरकार को जल्द से जल्द ऐसे मामलों में गंभीरता दिखानी चाहिए।
आपकी राय?
क्या प्रशासन को ऐसी जर्जर इमारतों को गिराने की दिशा में और तेजी से काम करना चाहिए? अपनी राय कमेंट में दें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें!
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