Ramgarh Raid: गोला में डीसी के निर्देश पर यह बड़ी कार्रवाई हुई, बालू लदे 2 ट्रैक्टर जब्त होने पर चालक भागे रेत माफिया
डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज के निर्देश के बाद गोला थाना पुलिस ने यह सख्त कार्रवाई की है। झरिया गढ़ा मोड़ के पास से बालू लदे दो ट्रैक्टरों को जब्त करने पर चालक मौके से फरार हुए। जब्त ट्रैक्टरों में बिना वैध चालान के 100-100 घन फीट बालू लदा पाया गया। अवैध रूप से बालू ढोने पर राजस्व की क्षति मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है। झारखंड में अवैध खनन के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
गोला, 17 नवंबर 2025 – झारखंड में अवैध खनन के खिलाफ प्रशासनिक सख्त कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में जिले के उपायुक्त (DC) फ़ैज़ अक अहमद मुमताज के स्पष्ट निर्देशों के बाद गोला थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। गोला थाना क्षेत्र के झरिया गढ़ा मोड़ के पास से पुलिस ने अवैध रूप से बालू लदे दो ट्रैक्टर जब्त किए। पुलिस को देखते ही दोनों ट्रैक्टरों के चालक मौके से फरार हो गए, जो उनकी अवैध गतिविधियों पर मुहर लगाता है। इस कार्रवाई से क्षेत्र के रेत माफियाओं में दहशत का माहौल है। सवाल यह है कि क्या यह अभियान केवल छोटे वाहनों तक सीमित रहेगा, या प्रशासन उन बड़े सिंडिकेट पर भी कड़ी कार्रवाई करेगा जो सरकारी राजस्व को लगातार चूना लगा रहे हैं?
मौके से चालक फरार: डीसी के निर्देश पर सख्ती
उपायुक्त फ़ैज़ अक अहमद मुमताज ने जिले में अवैध खनन और परिवहन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाई।
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छापेमारी: गोला थाना पुलिस ने झरिया गढ़ा मोड़ के पास नाकेबंदी की और बालू ले जाते दो ट्रैक्टरों को रोका।
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फरार: पुलिस को देखकर दोनों ट्रैक्टरों के चालक तुरंत वाहन छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गए। चालकों का भागना स्पष्ट करता है कि उनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे।
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सुरक्षार्थ: जब्त किए गए दोनों ट्रैक्टरों को सुरक्षा के लिए गोला थाना परिसर में रखा गया है।
राजस्व को बड़ा नुकसान: बिना चालान के 200 घन फीट बालू
पुलिस द्वारा कार्रवाई के बाद, मामले की जांच माइनिंग विभाग को सौंपी गई ताकि अवैध खनन की मात्रा और राजस्व क्षति का आकलन किया जा सके।
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माइनिंग जांच: पुलिस की सूचना पर जिला खनन पदाधिकारी (DMO) के निर्देश पर माइनिंग इंस्पेक्टर राहुल कुमार सिंह की अगुवाई में जांच शुरू की गई।
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वैधता का अभाव: जांच में पाया गया कि दोनों ट्रैक्टरों में 100-100 घन फीट यानी कुल 200 घन फीट बालू लदा था। सबसे अहम बात यह थी कि वाहनों पर किसी भी प्रकार का वैध परिवहन चालान उपलब्ध नहीं था।
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प्राथमिकी: बिना चालान के अवैध रूप से बालू ढोना स्पष्ट रूप से सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने वाला कार्य है, जिसके मद्देनजर थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान: रेत माफियाओं पर नकेल
झारखंड में अवैध खनन की समस्या लंबे समय से राजस्व और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर चुनौती रही है।
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प्रशासन का संकल्प: प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई कोई एक बार की घटना नहीं है, बल्कि राज्य में अवैध खनन और परिवहन पर पूर्ण रोक सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान आगे भी जोर-शोर से जारी रहेगा।
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माफियाओं में दहशत: इस सख्ती से क्षेत्रीय रेत माफियाओं के बीच दहशत का माहौल है।
अवैध खनन न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
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