जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के नाम पर चल रही फर्जी गाड़ी पकड़ी गई, समर्थकों ने पुलिस को सौंपा

जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के नाम पर चल रही फर्जी गाड़ी को समर्थकों ने पकड़ा और पुलिस के हवाले किया। चुनावी हलचल के बीच पुलिस कर रही है जांच।

Nov 9, 2024 - 19:19
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जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के नाम पर चल रही फर्जी गाड़ी पकड़ी गई, समर्थकों ने पुलिस को सौंपा
जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय के नाम पर चल रही फर्जी गाड़ी पकड़ी गई, समर्थकों ने पुलिस को सौंपा

जमशेदपुर, 9 नवंबर 2024 – जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के एनडीए प्रत्याशी सरयू राय के समर्थकों ने कदमा रानीकूदर इलाके में एक फर्जी गाड़ी को पकड़ लिया। यह गाड़ी सरयू राय के प्रचार के रंग और उनके नाम का इस्तेमाल कर चलायी जा रही थी, लेकिन यह पूरी तरह से फर्जी निकली।

गाड़ी पर लिखा हुआ था, "जमशेदपुर पश्चिम की पुकार, सरयू चाचा अबकी बार, भय, भूख, भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये, 27 नंबर पर बटन दबाये और सरयू चाचा को जिताये, बदलाव की बयार लायें।" गाड़ी पर सरयू राय का नाम तो था, लेकिन उसमें ना तो उनका चुनाव चिन्ह था और ना ही पूरा नाम लिखा हुआ था। यह देखकर सरयू राय के समर्थकों ने इसकी सूचना कदमा थाना को दी और गाड़ी को पुलिस के हवाले कर दिया।

सरयू राय के समर्थकों का आरोप
सरयू राय के समर्थकों का कहना है कि इस तरह की साजिशें लोगों को भ्रमित करने के लिए की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरयू राय का चुनाव चिन्ह "सिलिंडर" है और उनका चुनावी नंबर 12 है। ऐसे में किसी और नंबर और चुनाव चिन्ह के साथ सरयू राय के नाम पर प्रचार करना गलत है। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसे आरोप चुनावी प्रक्रिया को गलत दिशा में मोड़ने के लिए लगाए जा रहे हैं।

निर्दलीय प्रत्याशी का नाम जुड़ा
इस मामले में एक और दिलचस्प बात यह सामने आई कि गाड़ी जिस नाम के साथ चलायी जा रही थी, वह जमशेदपुर पश्चिम से निर्दलीय प्रत्याशी सरयु दुसाध का था। सरयु दुसाध का चुनाव चिन्ह "कांच का ग्लास" है, लेकिन फर्जी गाड़ी पर उनका कोई चुनाव चिन्ह नहीं था। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है और मामले की गहराई से पड़ताल की जा रही है।

पुलिस जांच जारी
कदमा थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से चुनावी माहौल में और भी हलचल मच गई है और यह चुनाव आयोग के लिए भी एक चेतावनी है कि चुनावी प्रचार में कोई भी धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए।

यह घटना चुनावी राजनीति में असमानता और धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।